चुनाव आयोग, ईवीएम से कोई डेटा न हटाए और न ही दोबारा लोड करे: सुप्रीम कोर्ट

चुनाव आयोग, ईवीएम से कोई डेटा न हटाए और न ही दोबारा लोड करे: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार 11 फरवरी को केंद्रीय चुनाव आयोग या ईसीआई से पूछा कि मतदान खत्म होने के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (Standard Operating Procedure=SOP ) क्या है। भारत के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने ईसीआई से साफ शब्दों में कहा, फिलहाल, ईवीएम से कोई डेटा न हटाएं और न ही कोई डेटा दोबारा लोड करें। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर वोटों की गिनती खत्म होने के बाद भी मशीनों से डेटा नहीं हटाने की मांग की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अप्रैल में ईवीएम-वीवीपैट को लेकर ऐतिहासिक फैसला दिया था। उसमें चुनाव आयोग के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश थे कि क्या करना है, क्या नहीं और कैसे अगर किसी जगह वोटिंग के डेटा की वेरिफिकेशन की मांग हुई तो उसकी पुष्टि होगी। लेकिन असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया है कि ईवीएम को लेकर शीर्ष अदालत ने अप्रैल 2024 में जो गाइडलाइंस तय की थी, आयोग उसके हिसाब से काम नहीं कर रहा। उसका स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक नहीं है।

अब शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग से इस पर जवाब मांगा है। उसने आयोग से ये भी कहा है कि वेरिफिकेशन के वक्त वह न तो ईवीएम का डेटा डिलीट करे और न ही रीलोड करे। शीर्ष अदालत ने वेरिफिकेशन के लिए आयोग की तरफ से तय किए गए 40 हजार रुपये के शुल्क को भी ज्यादा बताया। मामले में अगली सुनवाई अब 3 मार्च से शुरू होने वाले सप्ताह में होगी।

लाइव लॉ के मुताबिक अदालत ने कहा कि चुनाव आयोग को चुनाव के बाद ईवीएम मेमोरी और माइक्रोकंट्रोलर को खत्म करने या जलाने की प्रक्रिया के बारे में कोर्ट को जानकारी देनी होगी। चीफ जस्टिस ने कहा, “यह प्रतिकूल नहीं है।” उन्होंने कहा, “अगर हारने वाला उम्मीदवार स्पष्टीकरण चाहता है तो इंजीनियर स्पष्टीकरण दे सकता है कि कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है।”

अदालत ने ये निर्देश एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर), हरियाणा और कुछ कांग्रेस नेताओं की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। याचिकाओं में मांग की गई थी कि अदालत आयोग को ईवीएम खत्म करने की मूल जली हुई मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की जांच के लिए नीति बनाने का निर्देश दे। याचिका में यह भी मांग की गई है कि ईवीएम की जली हुई मेमोरी और माइक्रोकंट्रोलर को इंजीनियर से सत्यापित कराया जाए ताकि यह साबित हो सके कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ नहीं की गई है।

सुप्रीम कोर्ट का चुनाव आयोग को निर्देश
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने आयोग को निर्देश दिया कि वेरिफिकेशन के दौरान EVM का डेटा न तो मिटाएं और न ही रीलोड करें। ADR की अर्जी में कहा गया कि EVM वेरिफिकेशन के लिए ECI का स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) अप्रैल 2024 के EVM-VVPAT केस के फैसले के मुताबिक नहीं है।

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