मिस्र, जॉर्डन और फ्रांस का ग़ाज़ा पट्टी में तत्काल युद्ध-विराम का आग्रह
बीते पांच महीने से ज्यादा समय से हमास और इस्राइल के बीच जंग छिड़ी हुई है। पिछले साल 7 अक्तूबर से जारी खूनी लड़ाई में हजारों लोगों की जान चली गई है। लाखों लोगों को अपने घर-बार छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। हालांकि, इस दौरान एक मौका ऐसा आया है जब थोड़े दिनों के लिए युद्ध-विराम हुआ। पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में हमास और इस्राइल के बीच तत्काल युद्धविराम के लिए एक प्रस्ताव पेश किया गया, जो पारित हो गया।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी सूचना के मुताबिक इजरायली हमले में गाजा में अब तक 33,207 फिलिस्तीनी मारे गए और 75,933 लोग घायल हुए हैं। इज़रायल में बंधकों को वापस लाने में विफल रहने पर वहां की जनता आंदोलित है।इज़रायल में नेतन्याहू को युद्ध अपराधी बताते हुए वहां की जनता लगातार इस्तीफ़े की मांग कर रही है। इज़रायल के अलावा लगभग सभी यूरोपीय देशों की जनता फ़िलिस्तीनियों के नरसंहार पर सड़कों पर उतर कर नेतन्याहू और इज़रायली अत्याचार के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रही है।
इन सबको देखते हुए मिस्र, जॉर्डन और फ्रांस ने गाजा पट्टी में तत्काल युद्धविराम का आग्रह किया है, जहां 6 महीने से इजरायली बमबारी जारी है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि सोमवार को एक संयुक्त बयान में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सिसी, जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2728 को तत्काल और बिना शर्त लागू करने का आह्वान किया। इसमें गाजा में तत्काल युद्धविराम की बात कही गई है।
नेताओं ने कहा,”हम राफा पर इजरायली हमले के खतरनाक परिणामों के खिलाफ चेतावनी देते हैं, जहां 1.5 मिलियन से अधिक फिलिस्तीनी नागरिकों ने शरण ले रखी है। इस तरह के हमले से केवल और अधिक मौतें और पीड़ा होगी। इससे क्षेत्रीय तनाव बढ़ने का भी खतरा है।”
नेताओं ने इज़रायल से फिलिस्तीनियों को मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने की भी अपील की है। उन्होंने सभी बंधकों की तत्काल रिहाई की मांग की और युद्धविराम, बंधकों और बंदियों के मुद्दों से निपटने के लिए मिस्र, कतर और संयुक्त राज्य अमेरिका की मध्यस्थता में हो रही वार्ता का समर्थन किया।