विकसित भारत को हर क्षेत्र में उत्कृष्ट नेतृत्व की जरूरत: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि 21वीं सदी के ‘विकसित भारत’ के लिए देश के हर क्षेत्र, हर ऊंचाई पर, जीवन के हर पहलू में दिन-रात काम करने के लिए सर्वश्रेष्ठ नेतृत्व की आवश्यकता है, जिसे वैश्विक सोच और स्थानीय विकास के विचार पर काम करना चाहिए। पीएम मोदी ने शुक्रवार को भारत मंडपम में स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप (एसओयूएल) लीडरशिप कॉन्क्लेव के पहले संस्करण का उद्घाटन किया। भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे भी उनके साथ मौजूद थे।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि “कुछ ऐसे कार्यक्रम होते हैं जो दिल के बहुत करीब होते हैं और आज का कार्यक्रम, लीडरशिप कॉन्क्लेव भी ऐसा ही एक कार्यक्रम है। राष्ट्र निर्माण के लिए नागरिकों का विकास जरूरी है, राष्ट्र निर्माण व्यक्तिगत विकास के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है।”
उन्होंने कहा कि “जन से जग तक अगर कोई ऊंचाई हासिल करनी है तो उसकी शुरुआत जनता से होती है। हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ नेता तैयार करना बहुत जरूरी है और यह समय की मांग है। इसलिए एसओयूएल की स्थापना ‘विकसित भारत’ के विकास यात्रा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण और बड़ा कदम है।”
उन्होंने कहा, “स्वामी विवेकानंद” भारत को गुलामी से निकालकर बदलना चाहते थे और उनका मानना था कि अगर उनके पास सर्वश्रेष्ठ नेता हों तो वे न केवल भारत को आजादी दिला सकते हैं बल्कि उसे दुनिया का नंबर एक देश भी बना सकते हैं। हम सभी को इस मंत्र के साथ आगे बढ़ना है। आज हर भारतीय 21वीं सदी के ‘विकसित भारत’ के लिए दिन-रात काम कर रहा है। ऐसे में 140 करोड़ आबादी वाले देश में भी हमें जीवन के हर क्षेत्र, हर ऊंचाई और हर पहलू में सर्वश्रेष्ठ नेतृत्व की आवश्यकता है।”