69000 शिक्षक भर्ती उम्मीदवारों का सीएम आवास पर प्रदर्शन
यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती के लिए युवाओं ने आज सीएम आवास का घेराव किया। उम्मीदवारों ने चौराहे पर जमकर प्रदर्शन किया, जिसके कारण कुछ देर के लिए ट्रैफिक जाम लग गया। अचानक इतनी बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने से मौके पर अफरा-तफरी का महौल हो गया। कमाल की बात बात तो ये है कि यूपी पुलिस को इस आंदोलन की भनक तक नहीं लगी।
इससे पहले बीते दिन गुरुवार को उम्मीदवारों ने बेसिक एजुकेशन मंत्री के आवास को घेरा था, जहां उन्होंने भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की मांग करने के साथ नौकरी देने की आवाज उठाई थी। उम्मीदवारों का कहना है कि वो पिछले 2 माह से प्रदर्शन कर रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट का भी आदेश आए 1 साल हो गया, पर सरकार से हमें सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा। आखिर कोर्ट का आदेश क्यों नहीं माना जा रहा।
गौरतलब है कि राज्य में 69000 शिक्षक भर्ती का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। देश के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद भी उम्मीदवारों को राहत नहीं मिली और बीते गुरुवार को उम्मीदवारों ने लखनऊ में प्रदर्शन किया। आज फिर सुबह मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने पहुंच गए।
हालांकि पुलिस ने छात्रों को रोका औऱ पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे युवाओं को उठाकर दूसरी जगह ले जाकर छोड़ दिया है। उम्मीदवारों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने की मांग की है। प्रदर्शन कर रहे उम्मीदवार कट ऑफ लिस्ट में 1 अंक कम कर भर्ती में शामिल करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हवाला दे रहे हैं।
राजधानी लखनऊ की सड़कों पर और इको गार्डन में प्रदर्शन कर रहे ओबीसी- एससी अभ्यार्थियों का आरोप है कि, 69000 शिक्षक भर्ती में 5844 सीटों के आरक्षण में धांधली की गई है। जिसकी शिकायत उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा मंत्री से लेकर केंद्रीय ओबीसी आयोग तक की गई। सभी के द्वारा आश्वासन दिया जा रहा है।
अभी तक हमारे मामले में सुनवाई नहीं की गई। विभाग रोज आश्वासन देने का काम करता है। एक अभ्यर्थी ने बताया कि सरकार ने हम लोगों के साथ धांधली करके हमारे आरक्षण की सीटों को अन्य अभ्यर्थियों को दे दिया। इस मामले में हम लोग हाईकोर्ट भी गए। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी विभाग हम लोगों की सीट का जजमेंट नहीं कर रहा है।
बड़ी संख्या में अभ्यर्थी डिप्टी सीएम आवास तक धरना देने के लिए पहुंच गए और चप्पे-चप्पे पर तैनात पुलिसकर्मियों को भनक तक नहीं लगी। यहां तक की LIU की टीम को भी इसकी जानकारी नहीं हो पाई। ये बड़ी चूक मानी जा रही है। बता दें कि भर्ती में घोटाले का आरोप लगाते हुए बड़ी संख्या में अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश की राजधानी में कई दिनों से अलग-अलग स्थानों पर धरना दे रहे हैं।