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सपा की पीडीए पाठशाला पर बढ़ा विवाद, भदोही के बाद कानपुर में भी केस दर्ज

सपा की पीडीए पाठशाला पर बढ़ा विवाद, भदोही के बाद कानपुर में भी केस दर्ज

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की ‘पीडीए पाठशाला’ पर विवाद गहराता जा रहा है। भदोही के बाद अब कानपुर में भी सपा नेता रचना सिंह पर बिना अनुमति बच्चों को पढ़ाने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।

कानपुर के बिल्हौर इलाके में समाजवादी पार्टी की नेता रचना सिंह गौतम ने प्राथमिक विद्यालय के सामने स्कूल ड्रेस में बच्चों को बुलाकर पाठशाला चलाई। यह कार्यक्रम सपा द्वारा पूरे राज्य में स्कूल मर्जर के विरोध में चलाया जा रहा है। जिलाधिकारी (डीएम) और बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) की जांच में यह सामने आया कि कार्यक्रम की कोई अनुमति नहीं ली गई थी। इसके बाद रचना सिंह पर आईटी एक्ट की धारा 66 समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।

प्रशासन का स्पष्ट कहना है कि बच्चों का किसी भी तरह का राजनीतिक उपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार जहां प्राइमरी स्कूलों के मर्जर को शिक्षा सुधार मान रही है, वहीं सपा इसे बच्चों के शिक्षा अधिकार पर हमला बता रही है। पीडीए पाठशाला को लेकर अब सियासत और प्रशासनिक टकराव और तेज होता नजर आ रहा है

वहीं सपा नेता रचना सिंह ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह स्कूलों को बंद कर बच्चों से उनका शिक्षा का अधिकार छीन रही है। उनका कहना है कि यदि सरकार स्कूल बंद करेगी तो समाजवादी पार्टी खुद पाठशालाएं चलाकर बच्चों को पढ़ाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य केवल बच्चों की शिक्षा बचाना है।

भदोही में सिकंदरा प्राथमिक विद्यालय का पिलखनी स्कूल में मर्जर किया गया, जिसके विरोध में सपा नेत्री अंजनी सरोज ने ‘PDA Pathshaala चलाई थी। इसमें बच्चों से “बंद करो मधुशाला, चालू करो पाठशाला” जैसे नारे भी लगवाए गए। इस पर प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए अंजनी सरोज सहित पांच अज्ञात लोगों पर भी केस दर्ज किया। सरकार का कहना है कि मर्जर शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में कदम है, जबकि सपा इसे ग्रामीण बच्चों की शिक्षा से खिलवाड़ बता रही है।

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