कांग्रेस ने ‘किसान महापंचायत’ का किया समर्थन
कांग्रेस ने रविवार को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में ‘किसान महापंचायत’ का समर्थन किया और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि “सत्य की पुकार गूंज रही है ,अन्यायी सरकार! तुम्हें सुनना होगा। ”
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्वीट करते हुए कहा किसान इस देश की आवाज हैं। किसान देश का गौरव हैं। किसानों की हुंकार के सामने किसी भी सत्ता का अहंकार नहीं चलता। खेती-किसानी को बचाने और अपनी मेहनत का हक मांगने की लड़ाई में पूरा देश किसानों के साथ है।
किसान इस देश की आवाज हैं।
किसान देश का गौरव हैं।किसानों की हुंकार के सामने किसी भी सत्ता का अहंकार नहीं चलता।
खेती-किसानी को बचाने और अपनी मेहनत का हक मांगने की लड़ाई में पूरा देश किसानों के साथ है।#मुजफ्फरनगर_किसान_महापंचायत
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 5, 2021
बता दें कि उत्तर प्रदेश और पड़ोसी राज्यों के हजारों किसान रविवार को उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले ‘किसान महापंचायत’ के लिए मुजफ्फरनगर में एकत्र हुए थे।
ये कार्यक्रम संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा मुजफ्फरनगर के सरकारी इंटर कॉलेज मैदान में केंद्र के विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध में आयोजित किया गया था।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए कहा किसान का खेत-खलिहान चुराने वाले देशद्रोही हैं।
किसान का खेत-खलिहान चुराने वाले देशद्रोही हैं।#मुज़्ज़फ़रनगर_किसान_महापंचायत
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 5, 2021
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने महापंचायत का समर्थन करते हुए हुए ट्वीट किया “मुझे भरोसा है कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में आयोजित #मुजफ्फरनगर_किसान_महापंचायत किसान हितों को मजबूती देने वाली साबित होगी।”
मुझे भरोसा है कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में आयोजित #मुजफ्फरनगर_किसान_महापंचायत किसान हितों को मजबूती देने वाली साबित होगी।
शांतिपूर्ण किसान आंदोलन की दिशा में ये महापंचायत मील का पत्थर साबित हो- ऐसी मेरी शुभकामनाएं हैं।
— Sachin Pilot (@SachinPilot) September 5, 2021
संयुक्त किसान मोर्चा, कई किसान संघों का एक समूह, पिछले साल से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है।
सरकार ने जोर देकर कहा है कि इन कानूनों ने किसानों को अपनी उपज बेचने का नया अवसर दिया है और इस आलोचना को खारिज कर दिया है कि उनका उद्देश्य न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था और कृषि मंडियों को दूर करना है।