चंद्रयान-3 ने सुरक्षित चंद्रमा पर पहुँच कर इतिहास रचा

चंद्रयान-3 ने सुरक्षित चंद्रमा पर पहुँच कर इतिहास रचा

चंद्रयान-3 ने आज चंद्रमा पर सफलता पूर्वक लैंड कर इतिहास रच दिया है। इन 40 दिनों में लैंडर मॉड्यूल ने पृथ्वी की 21 और चंद्रमा की 120 बार परिक्रमा की है। लैंडर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की है। इस सफ़लता पर आज पूरा भारत गर्व महसूस कर रहा है।

चंद्रमा पर भारत के कदम रखते ही पूरे देश में खुशी का माहौल है। इसरो के कमांड सेंटर में भी वैज्ञानिक झूम उठे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोहान्सबर्ग से वर्चुअली जुड़कर चंद्रयान-3 की लैंडिंग देखी। इस मौक़े पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले यह कहा जाता था कि ” चंदा मामा दूर केलेकिन हमारे वैज्ञानिकों की इस सफलता के बाद कहा जाएगा ” चंदा मामा एक टूर के।

भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल ने शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग की।

चंद्रयान-3 की सफलता के लिए दो दिनों से प्रार्थना की जा रही थी। चंद्रयान-3 ने पूरे देश को एकजुट कर दिया था। इसकी सफलता के लिए नमाज़ में दुआ की जा रही थी। मंदिरों में हवन पूजा की जा रही थी। चंद्रमा पर इसकी लैंडिंग होते ही पूरा देश ख़ुशी से झूम उठा।

पीएम मोदी ने शुभकामना देते हुए कहा, ”मेरे प्यारे परिवारजनो! जब हम अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं तो गर्व होता है। ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्र जीवन की चेतना बन जाती हैं। यह पल अविस्मरणीय है। यह क्षण अभूतपूर्व है। यह क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है। यह क्षण नए भारत के जयघोष का है।

यह क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है। यह क्षण जीत के चंद्रपथ पर चलने का है। यह क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का है। यह क्षण भारत की नई ऊर्जा, नई चेतना का है। यह क्षण भारत के उदीयमान भाग्य के आह्वान का है। अमृतकाल की प्रथम प्रभा में सफलता की अमृत वर्षा हुई है। हमने धरती पर संकल्प लिया और चांद पर उसे साकार किया।”

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