नफरती अपराधों पर नजर रखने वाले चैनल ‘हिंदुत्वा वॉच’ पर प्रतिबंध अनुचित और असंगत है: एक्स

नफरती अपराधों पर नजर रखने वाले चैनल ‘हिंदुत्वा वॉच’ पर प्रतिबंध अनुचित और असंगत है: एक्स

शनिवार को बार एंड बेंच ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि घृणित अपराधों पर नजर रखने वाले “हिंदुत्व वॉच” नामक एक्स अकाउंट को बंद करने का केंद्र का निर्णय अन्यायपूर्ण और असंगत है। एक्स का यह जवाब कश्मीरी पत्रकार रकीब हमीद नाइक की याचिका के जवाब में आया है। नाइक, जो 2020 में अमेरिका चले गए थे, ने एक स्वतंत्र चैनल की स्थापना की थी ताकि भारत में चरमपंथी हिंदू गुटों द्वारा मुसलमानों और दलित समुदायों पर किए गए हमलों की निगरानी की जा सके। एक्स (हिंदुत्व वॉच) नियमित रूप से इस तरह के वीडियो और समाचार पोस्ट करता था।

भारत सरकार ने यह प्रतिबंध लगाते हुए इसे 2000 के सूचना प्रौद्योगिकी कानून का उल्लंघन बताया था। इस कानून के तहत सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता के नाम पर सोशल मीडिया कंपनियों को विशेष प्रकार की सामग्री हटाने का अनुरोध भेज सकती है। बार एंड बेंच के अनुसार, एक्स ने अदालत से कहा कि वह अकाउंट को फिर से बहाल करने के लिए तैयार है।

एक्स ने यह भी कहा कि भारतीय सरकार का यह दावा कि यह अकाउंट हिंसा भड़का सकता है, निराधार है। साथ ही, एक्स ने यह भी कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से बैठक के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया गया था। नाइक ने जनवरी में स्क्रोल को बताया था कि केंद्र सरकार द्वारा हिंदुत्व वॉच अकाउंट पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर उन्हें कोई आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि यह सरकार हर गंभीर आवाज को दबाना चाहती है। लेकिन हम अपना काम जारी रखेंगे।

पिछले साल एक्स ने कानूनी मांग के तहत अमेरिकी मानवाधिकार संगठन “हिंदू अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल” और “हिंदूज फॉर ह्यूमन राइट्स” के अकाउंट को भी भारत में बंद कर दिया था। संगठन के अनुसार, एक्स ने अपने जवाब में कहा था कि भारतीय सरकार के अनुरोध के जवाब में यह अकाउंट बंद किया गया है, जिसका कंटेंट भारत के सूचना प्रौद्योगिकी कानून का उल्लंघन करता है।

हालांकि, संगठन ने उस सामग्री का विवरण नहीं दिया जिसका एक्स ने उल्लेख किया था। संगठन का कहना है कि एक्स ने इस बात की कोई व्याख्या नहीं की कि किस आधार पर सरकार का यह अनुरोध स्वीकार किया गया और न ही इस निलंबन की जांच या इसके खिलाफ अपील का अवसर प्रदान किया गया।

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