कालिंदी एक्सप्रेस को पलटने की साजिश बेनकाब करने की कोशिश

कालिंदी एक्सप्रेस को पलटने की साजिश बेनकाब करने की कोशिश

उत्तर प्रदेशः कालिंदी एक्सप्रेस को पलटने की साजिश को बेनकाब करने की कोशिश की जा रही है। इस सिलसिले में विभिन्न टीमें सभी पहलुओं से जांच कर रही हैं। याद रहे कि कानपुर के शिवराजपुर इलाके में रविवार रात कालिंदी एक्सप्रेस को पलटने की कोशिश की गई थी। रेलवे की ओर से इसकी जांच की जा रही है। सोमवार को इज्जतनगर मंडल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त पवन श्रीवास्तव ने टीम के साथ घटना स्थल का दौरा किया।

मामले की तह तक पहुंचने के लिए आरपीएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं। आरपीएफ ने 18 संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है। सूत्रों के अनुसार, रेलवे सुरक्षा आयुक्त तीन दिनों तक घटना स्थल पर रहेंगे और हर पहलू से जांच करेंगे। उन्होंने जांच के लिए आरपीएफ की तीन टीमें तैनात की हैं। इन टीमों ने शिवराजपुर और कन्नौज में घटना स्थल के बीच जांच के लिए 18 संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लिया।

रेलवे पटरियों पर गश्त बढ़ाई गई
आरपीएफ की इंटेलिजेंस टीम भी सक्रिय हो गई है। इंटेलिजेंस अधिकारी सादा कपड़ों में अनवरगंज और कन्नौज के बीच स्टेशनों पर यात्रियों के बीच बैठकर साजिश से संबंधित जानकारी एकत्र करेंगे। खासतौर पर कानपुर और कन्नौज के बीच रोज यात्रा करने वाले यात्रियों पर नजर रखी जाएगी। साथ ही रेलवे पटरियों पर गश्त बढ़ा दी गई है। टीम रात में कार से रेलवे पटरियों के आसपास गश्त करेगी।

फॉरेंसिक और डॉग स्क्वाड की टीमों ने हर हिस्से की तलाशी ली
इस बीच, कालिंदी एक्सप्रेस को पलटने की साजिश से संबंधित चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जांच में जुटी 6 टीमों ने मंगलवार तक निवादा टोल प्लाजा और विभिन्न स्थानों पर लगे 219 सीसीटीवी कैमरों से फुटेज इकट्ठा किए हैं। इसके अलावा जांच और खुफिया विभाग की टीमें भी सक्रिय हैं। जो लोग पहले रेलवे पटरियों से छेड़छाड़ जैसे मामलों में पकड़े गए थे, उनसे भी पूछताछ की जा रही है। साथ ही फॉरेंसिक और डॉग स्क्वाड की टीमों ने भी किसी भी तरह के सुराग और संदिग्ध वस्तुओं की खोज में इलाके के हर हिस्से की तलाशी ली है।

इसी दौरान यह खुलासा हुआ है कि कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को पलटने की साजिश रचने वाले अपराधी हाईवे की तरफ से सिलेंडर लेकर पटरी तक पहुंचे और दुर्घटना के बाद पटरी के दूसरी ओर मक्के के खेत से फरार हो गए। पुलिस ऐसा अंदाजा इसलिए लगा रही है कि मंगलवार को जहां एक तरफ खोजी कुत्ता रेलवे की पटरियों से लगभग 150 मीटर दूर हाईवे तक गया, वहीं दूसरी ओर घटना स्थल की दूसरी तरफ झाड़ियों से होकर मक्के के खेत तक गया, जहां कुछ पैरों के निशान भी मिले हैं।

रेलवे के डिविजनल सेफ्टी कमिश्नर पवन कुमार श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे
मंगलवार को दोपहर 2 बजे डीसीपी वेस्ट राजेश कुमार सिंह, रेलवे के डिविजनल सेफ्टी कमिश्नर पवन कुमार श्रीवास्तव और डॉग स्क्वाड मौके पर पहुंचे। ट्रेनर विजय कुमार पहले खोजी कुत्ते को उस स्थान पर ले गए जहां से सिलेंडर मिला था। थोड़ी देर सूंघने के बाद कुत्ता पटरी के किनारे चलते हुए वहां पहुंचा, जहां सिलेंडर लगाया गया था। इसके बाद वह पटरी के किनारे से होता हुआ सड़क पर आ गया। फिर वह पटरी से मुड़कर हाईवे की तरफ गया, जहां वह टोल प्लाजा से कुछ पहले बने ‘कान्हा रसोई होटल’ के पास गया। दो बार वह होटल के अंदर गया। इसके बाद पुलिस ने होटल मालिक ज्ञानो शुक्ला से पूछताछ की।

इस बीच, रेलवे अधिकारियों ने मामले की जांच पूरी कर ली है। पूरे मामले में रेलवे की कोई चूक सामने नहीं आई है। अधिकारियों का मानना है कि भले ही सिलेंडर पटरी के बीच फंसा था, लेकिन ट्रेन की गति 50 किलोमीटर प्रति घंटा से कम होने के कारण जब सिलेंडर इंजन के आगे के हिस्से से टकराया तो फटने के बजाय उछलकर दूर जा गिरा।

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