संकट के समय अमेरिका ने दिया धोखा, पाकिस्तान ने की मदद की पेशकश

वाशिंग्टन: अमेरिका ने कठिन परिस्थिति में भारत का साथ छोड़ दिया है, इस समय जब देश जब कोरोना महामारी (Covid-19) से त्रस्त है, ऐसे समय में अमेरिका ने भारत का साथ छोड़ दिया है, अमेरिका ने भारत को कोरोना वैक्सीन बनाने में प्रयोग होने वाला कच्चा माल देने से मना कर दिया है, यानी अब अमेरिका, भारत को वैक्सीन बनाने के लिए कच्चा माल नहीं देगा अमेरिका का यह फ़ैसला भारत के लिए तगड़ा झटका है क्योंकि भारत में इस समय 3 लाख से अधिक प्रतिदिन कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं और भारत सरकार वैक्सीन की प्रकिया में तेज़ी लाना चाह रही है ताकि लोगों की ज़िंदगी को बचाया जा सके।

वैक्सीन मामले पर अमेरीका की धोखेबाज़ी

एक तरफ़ अमेरिका, भारत को अपना दोस्त और रणनीति में साझेदार कहता है दूसरी तरफ़ उस समय जब भारत की स्थिति पूरी दुनिया में सबसे अधिक ख़राब है, अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, डाक्टर और दवाइयों के लिए अफरा-तफरी मची हुई है, वहीं वैक्सीन बनाने में कई अड़चनें सामने आ रही हैं। जिनमें सबसे बड़ी दिक्कत रॉ मैटेरियल को लेकर है, वैक्सीन बनाने को लेकर पूरी दुनिया में भारत का पहला स्थान है, लेकिन भारत में वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां कच्चा सामान दूसरे देशों से ख़रीदता है, वैक्सीन बनाने के लिए कच्चा सामान अमेरिका से आता है लेकिन अमेरीका ने वैक्सीन बनाने का कच्चा सामान भारत को देने से इंकार कर दिया है, अमेरिका ने कच्चे माल की सप्लाई पर पाबंदी लगा रखी है, जिसके चलते माना जा रहा है कि भारत में वैक्सीनेशन की स्पीड बाधित हो सकती है।

भारत ने पाबंदी हटाने की मांग की

भारत ने वैक्सीन बनाने के लिए कुछ ज़रूरी सामानों की सप्लाई से बैन हटाने के लिए अमेरिका से कई बार अपील की है लेकिन अमेरिका ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि वह फ़िलहाल भारत को वैक्सीन बनाने के लिए कच्चा माल नहीं देगा। व्हाइट हाउस ने एक बार फिर कहा है कि इस समय बाइडेन प्रशासन का पहला लक्ष्य अमेरिका है इसलिए अमेरिका अभी भारत को वैक्सीन बनाने का कच्चा सामान एक्सपोर्ट नहीं करेगा।

भारत मदद को आया था सामने

पिछले साल को याद कीजिए क्या हुआ था। अमेरिका में कोरोना वायरस जब पिछले साल सैकड़ों लोगों की रोज़ जान ले रहा था उस समय भारत ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा पर पाबंदी लगा दी थी लेकिन जब अमेरीका ने भारत से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा मांगी तो भारत ने पाबंदी हटा कर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा निर्यात की थी।

लेकिन आज जब भारत को ज़रूरत है तो अमेरिका ने भारत को मदद देने से साथ इंकार कर दिया है, अमेरिका ने भले ही सबसे पहले अपने नागरिकों को वैक्सीन लगाने का हवाला दिया है लेकिन ख़ुद बाइडेन सरकार की रिपोर्ट के अनुसार अमेरीका के पास ज़रूरत से ज़्यादा वैक्सीन मौजूद है।

व्हाइट हाउस का बिल्कुल साफ़ इंकार

व्हाइट हाउस के प्रवक्ता नेड प्राइस से दोबारा सवाल पूछा गया कि बाइडन सरकार ने भारत को टीका बनाने के सामान की सप्लाई निर्यात करने को लेकर क्या फ़ैसला लिया है, इस मर्तबा व्हाइट हाउस ने साफ़ कह दिया है कि इस समय अमेरिका अपने लोगों को देख रहा है और अमेरिकी जनता बाइडेन सरकार के लिए प्राथमिकता रखती है, इसीलिए अमेरिका अभी अपने नागरिकों को वैक्सीन लगाने में व्यस्त है। व्हाइट हाउस प्रवक्ता ने सवाल का जवाब देते हुए कह दिया कि अमेरिका ने कई कारणों से रोक लगा रखी है, पहली वजह तो साफ़ है कि अमेरिका में अभी टीकाकरण कार्यक्रम जारी है और हमारे लिए अपने नागरिक सबसे पहले हैं, दूसरी वजह यह है कि कोरोना वायरस की चपेट में आने से सबसे ज़्यादा अमेरिकी मारे गए हैं। अमेरिका में साढ़े पांच लाख से ज़्यादा लोगों की जानें गईं हैं और करोड़ों अमेरिकी संक्रमित हुए हैं, इसलिए हम सभी अमेरिकन की जान बचाने में लगे हुए हैं।

पाकिस्तान ने की मदद की पेशकश

द वायर के अनुसार “COVID-19 की वर्तमान लहर के मद्देनजर भारत के लोगों के साथ एकजुटता का संकेत देते हुए पाकिस्तान ने भारत को वेंटिलेटर, बीआई-पीएपी, डिजिटल एक्स-रे मशीन, पीपीई और संबंधित वस्तुओं सहित राहत सहायता प्रदान करने की पेशकश की है

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