यूपी के बाद दिल्ली में AAP-कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला लगभग तय
आम आदमी पार्टी (AAP) एक ओर जहां पंजाब में अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है तो दूसरी ओर दिल्ली में कांग्रेस से गठबंधन का फॉर्मूला फाइनल हो गया है। हालांकि अभी इसका आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है। दिल्ली की सात में चार लोकसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ सकती है। वहीं कांग्रेस तीन सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार सकती है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में हो सकता है।
आप ने 4-3 के फॉर्मूले को लेकर जो तर्क दिया है, उसमें दावा किया गया है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने किसी भी सीट पर जीत हासिल नहीं की है। वहीं आप का एक ये तर्क भी है कि एमसीडी चुनावों में भी कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा है। दिल्ली लोकसभा की सात सीटों पर इस वक्त बीजेपी का कब्जा है। 2019 के चुनावों में कांग्रेस और आप दोनों को ही जीत नहीं मिली थी।
इससे पहले बीते बुधवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गठबंधन पर बातचीत में देरी हो रही है और अगले एक या दो दिनों में ताजा अपडेट आ सकता है। उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई महीने में होने की संभावना जताई जा रही है।
2019 के लोकसभा चुनावों के नतीजों पर गौर करें तो कांग्रेस को इस चुनाव में 23 फीसदी वोट मिले थे, जबकि आप के खाते में 18 फीसदी वोट शेयर आया था। हालांकि कांग्रेस इस चुनाव में 5 सीटों पर दूसरे नंबर की पार्टी बनी थी, जबकि आम आदमी पार्टी 2 सीटों पर दूसरे नंबर की पार्टी थी। सूत्रों का कहना है कि दक्षिणी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, उत्तर पश्चिम दिल्ली और नई दिल्ली की सीटों पर आप अपने उम्मीदवार उतारेगी। वहीं कांग्रेस दिल्ली की चांदनी चौक, पूर्वी दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट पर अपने प्रत्याशियों उतारेगी।