बाबरी मस्जिद की शहादत की 30वीं बरसी, मथुरा अयोध्या समेत यूपी में कड़ी सुरक्षा बाबरी मस्जिद की शहादत को आज 30 वर्ष पूरे हो गए हैं।
बाबरी मस्जिद के विध्वंस के 30 वर्ष पूरे होने पर प्रदेश भर में प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है विशेष कर हिंदू महासभा की ओर से मथुरा में शाही ईदगाह तक मार्च निकालने की घोषणा के बाद से मथुरा के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों को तैनात किया गया और ड्रोन विमान की मदद से शहर भर में नजर रखी जा रही है।
अयोध्या में भी बाबरी मस्जिद शहादत की तीसवीं बरसी के अवसर पर सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। प्रशासन ने किसी भी घटना पर नजर रखने के लिए विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित करते हुए अयोध्या शहर समेत जिले को कई सुरक्षा क्षेत्रों में बांटा हुआ है और संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। सभी मजिस्ट्रेटों को अयोध्या , फैजाबाद और आसपास के क्षेत्रों की छोटी-बड़ी घटनाओं पर 24 घंटे निगरानी रखने के लिए कहा गया है।
अयोध्या में मुस्लिम समुदाय ने इस बार 6 दिसंबर को काला दिवस न मनाने का निर्णय किया है। अयोध्या में समाजसेवी हाजी असद अहमद ने कहा कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद पर अदालत के फैसले के बाद हम सद्भाव और भाईचारे का माहौल बनाना चाहते हैं। इसलिए हमने फैसला किया है कि इस बार ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं होगा। लेकिन अयोध्या और फैजाबाद की सभी मस्जिदों में कुरान का पाठ किया जाएगा और हम ईश्वर से शांति और भाईचारे की प्रार्थना करेंगे।
अयोध्या में बाबरी मस्जिद की शहादत की तीसवीं बरसी को लेकर उत्तर प्रदेश के हर शहर में कड़ा पहरा है। बाबरी मस्जिद की शहादत के अवसर पर आज मथुरा और अयोध्या में सबसे ज्यादा चौकसी बरती जा रही है। संवेदनशीलता को देखते हुए एहतियात के तौर पर यूपी में पीएसी और सेंट्रल पैरामिलेट्री फोर्स तैनात की गई है।
यूपी में पीएसी की 150 कंपनियां तैनात की गई हैं। मथुरा में भी अतिरिक्त चौकसी बरती जा रही है क्योंकि बाबरी मस्जिद की शहादत से पहले अयोध्या में जिस प्रकार का माहौल था ठीक उसी तरह का वातावरण मथुरा में भी बनाने की कोशिश की जा रही है। श्री कृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह को लेकर भी विवाद को हवा दी जा रही है। इस तरह के दावों को हवा दी जा रही है कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने 1669 में श्री कृष्ण मंदिर को तोड़कर उसके एक हिस्से पर ईदगाह का निर्माण करवाया था।