डल्लेवाल के समर्थन में 111 किसानों ने अनशन शुरू किया
किसान नेताओं ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसानों की मांगों पर ध्यान नहीं देने के लिए केंद्र पर हमला बोला है। इसी के साथ आंदोलन का नया चरण शुरू हो गया है। क्योंकि किसान अब गांधीवादी तरीके से अपना आंदोलन चला रहे हैं। अपनी मांगों के प्रति केंद्र सरकार के उदासीन रवैये की आलोचना करते हुए 111 किसानों के एक समूह ने अपने नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के साथ एकजुटता दिखाते हुए बुधवार को आमरण अनशन शुरू कर दिया।
डल्लेवाल का अनिश्चितकालीन अनशन 51वें दिन भी जारी रहा। प्रदर्शनकारी किसानों ने डल्लेवाल के बिगड़ते स्वास्थ्य पर चिंता जताते हुए कहा कि लंबे समय तक अनशन करने के कारण 70 वर्षीय डल्लेवाल के कई अंगों के काम करना बंद करने का खतरा है।
खनौरी बॉर्डर पर बुधवार सुबह को किसान सफाई करते दिखे। डल्लेवाल का आमरण अनशन बुधवार को 51वें दिन पहुंच गया और किसान नेताओं ने कहा कि उन्हें पीने के पानी में दिक्कत हो रही है। उन्होंने कहा, उनका शरीर अभी भी पानी स्वीकार नहीं कर रहा है और “मल्टी ऑर्गन फेल्योर” की ओर बढ़ रहा है, जो चिंताजनक है।
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि 111 किसानों का एक समूह बुधवार दोपहर 2 बजे से आमरण अनशन पर बैठा। उन्होंने काले कपड़े पहनकर शांतिपूर्वक पुलिस बैरिकेडिंग के पास अपना अनशन शुरू किया। उन्होंने कहा, किसान बहुत भावुक हैं और उनका मानना है कि डल्लेवाल के बलिदान से पहले वे अपना बलिदान देंगे। अब 111 किसानों के जत्थे ने भी आमरण अनशन शुरू किया है। हरियाणा पुलिस के साथ किसानों की सहमति बनी है। इसके तहत हरियाणा पुलिस द्वारा लगाई गई रस्सी के आगे किसान नहीं जाएंगे।
किसानों ने पहले कहा था कि डल्लेवाल कुछ भी नहीं खा रहे हैं और सिर्फ पानी पर जीवित हैं। डल्लेवाल का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि उनका स्वास्थ्य हर दिन “बिगड़ता” जा रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक डल्लेवाल कानूनी गारंटी की मांग सहित किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर पिछले साल 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं।