विदेशी मदद सभी के इस्तेमाल के लिए है: दिल्ली हाई कोर्ट, दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि कोविद के समय में बाहर से आई चिकित्सा सामग्री और दूसरी मदद पीड़ित लोगों के लिए है इसको कबाड बनाने के लिए किस भी संस्था के पास नहीं रखा जा सकता है।
हाई कोर्ट में जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की पीठ ने कहा: जो भी बाहरी मदद सरकार ने चिकित्सा सहायता के रूप में प्राप्त की हैं वो लोगों की मदद करने के लिए है। उनको किसी संस्था के पास नहीं रखा जा सकता है।
बता दें कि अवलोकन के बाद एमिकस क्यूरिया और वरिष्ठ अधिवक्ता राजशेखर राव ने केंद्र और दिल्ली सरकार द्वारा सहायता के रूप में प्राप्त चिकित्सा उपकरणों के वितरण के तरीके के बारे में चिंता व्यक्त की थी जिस पर जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि बाहर से आई मदद लोगों की सहायता के लिए है इसको कबाड़ बनाने के लिए किसी ख़ास संस्था को नहीं दिया जा सकता है ।।
उन्होंने कहा कि लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज को करीब 260 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स मिले, जब उसे इसकी ज्यादा आवश्यकता नहीं थी।
बता दें कि पीठ ने कहा कि याचिका में व्यक्त की गई चिंता “विचार के योग्य” है और केंद्र को विभिन्न अस्पतालों को विदेशी सहायता के वितरण के संबंध में जमीन पर स्थिति को सत्यापित करने के निर्देश दिये हैं ।
द वायर के अनुसार न्यायालय ने केंद्र से यह भी कहा कि वे स्वैच्छिक संगठनों को उपकरण वितरित करने पर विचार करें, जैसे कि गुरुद्वारों और गैर सरकारी संगठनों, जो सार्वजनिक सेवा प्रदान कर रहे हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट ने साफ़ साफ़ कहा कि “ये नहीं भूलना चाहिए कि विदेशी सहायता के रूप में प्राप्त उपकरण लोगों के लिए है और इसे लोगों के लिए उपलब्ध होना चाहिए।
सुनवाई के समापन पर केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट की पीठ को बताया कि वो विदेशी सहायता वितरण के लिए एमिकस को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) प्रदान करेगी।