केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई सम्मान सूची में शामिल बंगाल के सभी तीन लोगों ने पद्म पुरस्कार को स्वीकार करने से इंकार कर दिया है.
बता दें कि भाजपा सरकार को ये एक बड़ा झटका है, खासकर पश्चिम बंगाल से जहां पार्टी को पिछले साल चुनावी हार का सामना करना पड़ा था.
गौर तलब है कि भाजपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कट्टर आलोचक रहे पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य मंगलवार को इस सम्मान को स्वीकार करने से मना करने वाले सबसे पहले व्यक्ति थे. इसके बाद राज्य के दो प्रख्यात कलाकारों, तबला वादक पंडित अनिंद्य चटर्जी और प्रख्यात गायिका संध्या मुखोपाध्याय ने भी पद्म पुरस्कार को ठुकरा दिया है.
इसके साथ हज आठ दशकों तक गायन करियर रखने वाली 90 वर्षीय संध्या मुखोपाध्याय ने चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री को ये कहते हुए लेने से इनकार कर दिया कि यह उनके कद के किसी व्यक्ति के लिए नहीं बल्कि एक जूनियर कलाकार के लिए उपयुक्त है.
मुखोपाध्याय की बेटी सौमी सेनगुप्ता ने ये बताया कि जब दिल्ली से पुरस्कार के लिए फोन आया, तो उनकी मां ने वरिष्ठ अधिकारी से कहा कि उन्हें इस उम्र में पुरस्कार की पेशकश पर “अपमान” महसूस हुआ है।
सेनगुप्ता ने कहा, “पद्म श्री एक जूनियर कलाकार के लिए अधिक योग्य हैं, न कि ‘गीताश्री’ संध्या मुखोपाध्याय के लिए. ऐसा उनके परिवार और उनके गीतों के प्रेमियों को महसूस होता है.”