पैग़म्बर मोहम्मद की शान में गुस्ताख़ी करने पर मुसलमानों में फूटा ग़ुस्सा

पैग़म्बर मोहम्मद की शान में गुस्ताख़ी करने वाली नूपुर शर्मा के विरुद्ध मुसलमानों में सख़्त ग़ुस्सा

गुस्ताख़े रसूल नूपुर शर्मा के खिलाफ़ मुसलमानों में ग़म और ग़ुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। गुस्ताख़े रसूल को न्याय के कटघरे में लाने की मांग को लेकर जिस तरह मुसलमान बिना किसी अपील के देश भर में सड़कों पर उतर आएं उसने साबित कर दिया कि वह सब कुछ सहन कर सकता है, लेकिन अपने प्रिय नबी हज़रत मोहम्मद का अपमान सहन नहीं कर सकता। बंगाल और झारखंड में विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस के साथ झड़पें भी हुईं। झारखंड में पुलिस फायरिंग में दो व्यक्तियों की मौत हो गई। एक तरफ़ जहाँ देश में हालात क़ाबू से बाहर होते जा रहे हैं तो दूसरी तरफ राजनीतिक नेतृत्व ने मुंह बंद कर रखा है. इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी कई सवाल खड़ा कर रही है.अब तक सरकार ने मुसलमानों की भावनाओं को आहत करने वालों के विरुद्ध कुछ नहीं किया है।

इस संबंध में ताजा बयान भोपाल से सांसद और मालेगांव बम धमाकों की आरोपी साध्वी प्रज्ञा का आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर सच बोलना बग़ावत है तो वह भी बाग़ी हैं। साध्वी प्रज्ञा का यह बयान साबित करता है कि नूपुर शर्मा का पार्टी प्रवक्ता पद से निलंबन केवल दिखावे की कार्यवाई है और बीजेपी के नेता आगे भी इस प्रकार के बयान देते रहेंगे।

भाजपा सरकार पैग़म्बर का अपमान करने वालों के खिलाफ़ ठोस कार्रवाई करने से परहेज़ कर रही , हो सकता है उन्हें अपने पार्टी कैडर के बिखरने का ख़तरा हो। जिस आधार पर भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया है, उसके लिए नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल जैसे लोगों को आदर्श प्रवक्ता का दर्जा प्राप्त है। नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के विवादित बयान के परिणाम स्वरूप एक तरफ़ देश की शांति व्यवस्था ख़तरे में है, तो दूसरी तरफ देश की राजनयिक प्रतिष्ठा पूरी तरह से कलंकित हो गई है। थोड़े से राजनीतिक लाभ के लिए भाजपा द्वारा बोया गया पौधा अब ऐसा वृक्ष बन गया है जिसकी जड़ें काटना बहुत कठिन काम है।

भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा रसूलुल्लाह और हज़रत आयशा केविरुद्ध दिए गए बयान का मुद्दा यहां तक जाएगा, किसी ने नहीं सोचा था, लेकिन पहले कानपुर के मुसलमानों और फिर क़तर के मुफ्ती ने एक आंदोलन खड़ा किया जिसके परिणामस्वरूप मुसलमान पूरी दुनिया में एकजुट हो गए हैं और वे नूपुर शर्मा की गिरफ़्तारी की मांग के लिए एकजुट हैं। वे सड़कों पर उतर आए हैं। हालांकि मुस्लिम नेताओं और विद्वानों ने इस तरह के किसी भी विरोध से परहेज़ करने का आह्वान किया है, लेकिन इस समय मुसलमानों की भावनाएं इतनी आहत हैं कि वे अपने विद्वानों और नेताओं की बातों को सुनने के लिए भी तैयार नहीं।

दुनिया जानती है कि एक मुसलमान सब कुछ सहन कर सकता है, लेकिन वह अपने प्रिय पैग़म्बर का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकता। पैग़म्बर के प्यार में मुसलमान अपनी जान क़ुर्बान करने से नहीं कतराते। इतिहास ऐसी घटनाओं से भरा पड़ा है।

कई अरब देशों ने भारतीय राजदूतों को तलब करके अपनी शिकायतें प्रकट की हैं, माना जा रहा है कि अब पानी सिर से ऊपर उठ चुका है. भारत अब तक अपने अल्पसंख्यकों के जीवन और संपत्ति के साथ खेले जा रहे खेल के खिलाफ़ OIC के विरोध को आंतरिक मामला बताकर खारिज करता रहा है। इस बार भी मोदी सरकार ने ऐसा ही किया और ओआईसी के विरोध को आतंरिक मामला कहकर उसके बयान को खारिज कर दिया। लेकिन इस निंदा का मुद्दा ऐसा है कि संयुक्त राष्ट्र ने भी इसके खिलाफ़ आवाज़ उठाई है और सांप्रदायिक नफरत फैलाने वालों के खिलाफ़ सरकार को चेतावनी दी है।

नूपुर शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, लेकिन मामले को निपटाने के लिए एमआईएम अध्यक्ष बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी, पत्रकार सबा नकवी और 32 अन्य पर भी उकसाने का आरोप लगाया गया इनमें साधु यति नरसिम्हा नंद एक ऐसा नाम है जो लंबे समय से मुसलमानों के खिलाफ़ ज़हर उगल रहा है और यही था जिसने कुछ समय पहले दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रसूलुल्लाह का अपमान किया था। पुलिस ने यति नरसिंह नंद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

हरिद्वार में भी धर्म संसद में मुसलमानों के नरसंहार की धमकी दी गई और हत्या की बात कही गई। तब भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इस मामले में अगर पत्रकार क़ुर्बान अली ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाया होता तो यति नरसिंह नंद के खिलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की जाती .सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी के बाद ही पुलिस ने कार्रवाई की और उन्हें ग़िरफ़्तार किया लेकिन नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को अभी तक ग़िरफ़्तार नहीं किया गया है। मुस्लिम देशों को यह आभास कराने की कोशिश की जा रही है कि सरकार ने ईशनिंदा करने वालों के खिलाफ़ कार्रवाई की है।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Hot Topics

Related Articles