गोरखनाथ मंदिर के आसपास रहने वाले मुस्लिम घर छोड़ने पर मजबूर

गोरखनाथ मंदिर के आसपास रहने वाले मुस्लिम घर छोड़ने पर मजबूर, भारत की उत्तर प्रदेश सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए गोरखनाथ मंदिर के आसपास रहने वाले मुसलमानों को अपना घर छोड़ने को कहा है।
हिंदू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार कथित तौर पर गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर के आसपास के दर्जनों मुस्लिम घरों को हटाने की योजना बना रही है।

सरकार के तर्क के अनुसार “मंदिर को सुरक्षा कवच प्रदान करने के लिए पुलिस बल की तैनाती के लिए” निर्णय लिया गया है।

लेकिन कुछ रिपोर्टों से ये बात सामने आई है कि मुस्लिम निवासियों ने हिंदू चरमपंथी समूहों के प्रकोप के डर से सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

”71 वर्षीय जावेद अख्तर जो मंदिर के पास अपने दादा द्वारा बनाए गए पुश्तैनी घर में रह रहे हैं ने अल जज़ीरा से बातचीत करते हुए बताया कि अधिकारियों ने हमें बताया कि यदि हम पत्र पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं, तो उनके पास हमारे हस्ताक्षर प्राप्त करने के अन्य तरीके भी हैं। हम से हस्ताक्षर लेने के लिए हम पर दबाव भी डाला गया

विपक्षी कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने कहा: “प्रशासन ने गोरखनाथ मठ के दक्षिण-पूर्वी कोने पर 125 साल से बसे हुए मुस्लिम परिवारों को जमीन खाली करने के लिए कहने वाले सहमति पत्र पर जबरन हस्ताक्षर करवाए हैं। ”

बता दें कि ये मुद्दा उस समय सार्वजनिक हुआ जब 28 मई को एक सहमति पत्र की एक प्रति सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।

पत्र में लिखा था “गोरखनाथ मंदिर क्षेत्र में सुरक्षा प्रदान करने के लिए गोरखनाथ मंदिर क्षेत्र में पुलिस बल की तैनाती के लिए सरकार के निर्णय के अनुरूप, हम,गांव ओल्ड गोरखपुर टप्पा, क़स्बा परगना हवेली, तहसील सदर जनपद, गोरखपुर, स्थित अधोहस्ताक्षरी निवासी हैं। हम गोरखनाथ मंदिर के दक्षिण-पूर्व कोने, अपनी जमीन और मकान सरकार को हस्तांतरित करने के लिए सहमत हुए हैं। हमें किसी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं है। इस मामले में हमारी सहमति के संबंध में, कृपया हमारे हस्ताक्षर नीचे देखें।”

टीआरटी वर्ल्ड के अनुसार मंदिर के आसपास दर्जनों परिवार रहते हैं। और दक्षिण की ओर लगभग ग्यारह मुस्लिम परिवार हैं। जिन ग्यारह में से नौ ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

11वीं सदी का यह मंदिर 52 एकड़ भूमि में स्थित है। ये हिंदू धर्म की शैव परंपरा के लिए जाना जाता है
बता दें कि पिछले महीने उत्तर प्रदेश के बाराबंकी ज़िले के राम सनेही घाट पर एक पुरानी मस्जिद को भी ध्वस्त कर दिया गया था।

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