कटाई के बाद धरना स्थल पर लौटना शुरू हो गए किसान, संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि पंजाब के करनाल और आसपास के इलाकों के हजारों किसान रविवार को यहां सिंघू सीमा पर केंद्र सरलार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में शामिल होने पहुंचे बता दें कि किसान कटाई के मौसम के बाद दिल्ली की सीमाओं पर लगातार लौट रहे हैं,
द प्रिंट के अनुसार संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि कटाई के मौसम के लिए गांवों में गए किसान अब धरना स्थलों पर लौट रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि किसान धरना स्थल पर वापस आने से उत्साहित भी हैं और जब सरकार हमारी मांगों को मान लेगी और ये नए लाए गए तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द कर देगी तो हम आंदोलन भी खत्म कर देंगे
एसकेएम ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान सोमवार को स्वतंत्रता सेनानी करतार सिंह सराभा की जयंती भी मनाएंगे।
बता दें कि “करतार सिंह सराभा ने कम उम्र में ही देश और समाज के लिए अपना बलिदान दे दिया था। और किसान आंदोलन उन्हें संघर्ष के लिए आदर्श मानता है।”
एसकेएम ने कहा कि उसके सदस्य “हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और किसानों पर हिंसक हमला करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ पुलिस मामला दर्ज करने की मांग को लेकर सोमवार को हिसार आयुक्त कार्यालय का घेराव भी करेंगे।”
बता दें कि 16 मई को हिसार पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और किसानों के एक समूह को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया था, जिन्होंने एक कोविड अस्पताल के उद्घाटन कार्यक्रम के लिए कार्यक्रम स्थल की ओर मार्च करने की कोशिश की, जहां मुख्यमंत्री खट्टर मौजूद थे। किसानों ने दावा किया है कि पुलिस के लाठीचार्ज से ५० किसानों को चोटें आईं थी।
किसानों ने दावा किया कि उनमें से 50 से अधिक को पुलिस के लाठीचार्ज में चोटें आईं। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि एक डीएसपी सहित 20 से अधिक पुलिस कर्मी भी घायल हुए हैं।