यह कहना उचित नहीं कि हमने शरद पवार से अलग रास्ता चुना: अजित पवार
क्या अजित पवार की बगावत में शरद पवार की मर्ज़ी शामिल थी? ये सवाल कई दिनों से लोगों के मन में है। कुछ राजनेताओं ने नियमित रूप से यह भी आरोप लगाया है कि शरद पवार के अनुरोध पर अजित पवार ने भाजपा से हाथ मिला लिया है। बुधवार को पत्रकारों ने अजित पवार से इस संबंध में सवाल किया, जिस पर उन्होंने अपने तख्तापलट को ‘बहुमत का फैसला’ बताया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अजित पवार कोल्हापुर दौरे पर निकलने से पहले मीडिया से बात कर रहे थे। इसी बीच किसी ने पूछा, ”क्या बीजेपी से हाथ मिलाने का फैसला शरद पवार की मर्जी से हुआ था?” अजित पवार ने जवाब दिया, ”लोकतंत्र में बहुमत का सम्मान किया जाना चाहिए। यही लोकतंत्र का असली रास्ता है, इसलिए हमने लोगों की बहुमत से यह फैसला लिया।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, ”2019 में एनसीपी और कांग्रेस ने अपनी विचारधारा से हटकर उस शिवसेना के साथ सरकार बनाई जो शिवसेना 25 साल तक बीजेपी की दोस्त रही। अजित पवार ने पूछा, ”25 साल तक बीजेपी के साथ रहने वाली पार्टी के साथ अगर ढाई साल सरकार चल सकती है तो अगले ढाई साल के लिए दूसरी पार्टी यानी बीजेपी को भी स्वीकार्य करना चाहिए। अजित पवार ने कहा, ”यह कहना उचित नहीं है कि हमने शरद पवार जी से अलग रास्ता चुना है।
गौरतलब है कि अजित पवार बुधवार को कोल्हापुर के लिए रवाना हुए जहां वह पार्टी की रैली में हिस्सा लेने वाले थे। इससे पहले शरद पवार ने भी कोल्हापुर में रैली की है। इस रैली को उसी का जवाब बताया जा रहा है। हालांकि अजित पवार ने सिर्फ इतना कहा कि हर किसी को अपनी इच्छा के मुताबिक रैली करने का अधिकार है।
इस बीच अजित पवार की बहन सुप्रिया सुले ने कहा कि एनसीपी में बगावत के लिए बीजेपी जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, “अब यह स्पष्ट है कि भाजपा पूरी तरह से महाराष्ट्र विरोधी है, उसने परिवारों को तोड़ा है, पार्टियों को तोड़ा है, मेरा गुस्सा केवल भाजपा से है।”