शाहरुख़ खान को हाईकोर्ट की सलाह, जनहित का काम करें
प्रख्यात अभिनेता शाहरुख खान के खिलाफ गुजरात में दायर एक याचिका को रद्द करने के संबंध में हाईकोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है।
गुजरात हाई कोर्ट ने कहा है कि शाहरुख खान के खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है लेकिन फिर भी हाईकोर्ट ने शाहरुख खान को एक जरूरी सलाह दी है।
मामला दरअसल शाहरुख खान की सुपरहिट फिल्म रईस के प्रमोशन से जुड़ा हुआ है। किंग खान अपनी फिल्म रईस के प्रमोशन के दौरान वडोदरा पहुंचे थे। शाहरुख खान को देखने के लिए वड़ोदरा रेलवे स्टेशन पर उनके प्रशंसकों की भारी भीड़ जमा हुई थी। वडोदरा रेलवे स्टेशन पर ही भारी भीड़ में एक युवक की मौत हो गई थी जिसको लेकर युवक के परिजनों ने शाहरुख खान को उक्त युवक की मौत का जिम्मेदार बताते हुए शिकायत दर्ज कराई थी।
23 जनवरी साल 2017 में अपनी फिल्म के प्रमोशन के लिए शाहरूख खान ने मुंबई से दिल्ली जा रही है अगस्त क्रांति एक्सप्रेस में यात्रा की थी। इस यात्रा के दौरान वडोदरा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 6 पर ट्रेन पहुंची तो वहां भारी भीड़ उमड़ी। शाहरुख खान ने अपने प्रशंसकों की ओर टीशर्ट और बॉल फेंकी थी। इसी अफरा-तफरी और पुलिस द्वारा भीड़ को हटाने के लिए लाठीचार्ज किया गया जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई थी। कहा जाता है कि लाठीचार्ज के कारण उक्त युवक की मौत हुई थी।
मृतक युवक के परिजनों ने वड़ोदरा की निचली अदालत में शिकायत की थी। शाहरुख खान की ओर से इस याचिका को रद्द करने के लिए गुजरात हाई कोर्ट में पिटीशन दाखिल की गई थी जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि शाहरुख खान के खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं बनता लेकिन अदालत उन्हें जनहित में कार्य करने की सलाह दे सकती है।
अदालत ने शाहरुख खान को सलाह देते हुए कहा है कि वह मृतक के बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएं और अगर हो सके तो 500-1000 लीटर का आरओ प्लांट लगवा दें इस से लोगों में अच्छा सन्देश जाएगा और उनके खिलाफ मामला भी खत्म कर दिया जाएगा।
गुजरात हाईकोर्ट ने एक्टर को मृतक के परिवार की मदद करने की सलाह दी है। गुजरात हाईकोर्ट ने कहा है कि शाहरुख खान मरने वाले के परिवार की मदद करें दें और एक आरओ प्लांट लगवा दें तो इससे अच्छा संदेश जाएगा। जिसके बाद शाहरुख के खिलाफ दर्ज मामले को खत्म कर दिया जाएगा।