Covid-19 के डेल्टा प्लस वायरस को तीसरी लहर की वजह बताना जल्दबाज़ी होगा, ICMR ने कहा परेशान न हों

Covid-19 के डेल्टा प्लस वायरस को तीसरी लहर की वजह बताना जल्दबाज़ी होगा, ICMR ने कहा परेशान न हों

दूसरी लहर में पहली बार भारत में देखे गए डेल्टा वायरस के वेरिएंट को को देख कर बता कर तीसरी लहर का कारण बताना अभी जल्दबाज़ी कहा जाएगा, इस सिलसिले में ICMR के वैज्ञानिकों ने साफ़ तौर पर कहा कि तीसरी लहर को लेकर बहुत ज़्यादा चिंता और परेशानी की ज़रूरत नहीं है।

भारत के सबसे बड़े चिकित्सा अनुसंधान के वैज्ञानिक और महामारी और संचारी रोग विभाग कार्यक्रम के अधिकारी डॉ सुमित अग्रवाल ने कहा कि अभी से तीसरी लहर को लेकर परेशान होना उचित नहीं है।

आपकी जानकारी के लिए यह बता दें कि डेल्टा प्लस एक्सपर्ट द्वारा पहचाना गया Covid-19 का एक ख़तरनाक वेरिएंट है जिसके बारे में देश के वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं।

देश में इस डेल्टा प्लस वेरिएंट के ज़्यादातर मामले मध्यप्रदेश, केरल और महाराष्ट्र में पाए गए हैं, जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन प्रदेशों के सभी प्रभावित ज़िलों में रोक लगाने के तरीक़ों पर उपाय बढ़ाने की सलाह दी है।
यह वेरिएंट डेल्टा बी.1.617.2 के बारे में अभी तक रिसर्च जारी है, वैज्ञानिकों की तरफ़ से अभी कोई फ़ाइनल जानकारी और दिशानिर्देश नहीं आए हैं।

डॉ सुमित अग्रवाल के मुताबिक़ हर एक MRNA वायरस की तरह यह भी एक नॉर्मल प्रवृत्ति है कि जिसमें बदलाव होगा, यह बदलाव हो कर रहेगा, हम बदलाव को नहीं रोक सकते, जैसे जैसे समय बीतेगा हमें इसकी प्रवृति और ट्रेंड के बारे में और अधिक जानकारी हासिल होगी, शुरुआत में अल्फ़ा सामने आया उसके बाद डेल्टा और अब डेल्टा प्लस।

डॉ अग्रवाल ने यह भी बताया कि आने वाले अगले दिनों में और भी वेरिएंट और म्यूटेशन देखे जा सकते हैं, उन्होंने बताया कि वेरिएंट के तीन लक्षण हैं, जिन्हें अब तक हमने नोटिस किया है, इसमें ट्रांसमिशन की उच्च स्तर की क्षमता पाई जाती है, जिसका फेफड़ों से काफ़ी लगाव होता है, इस पर मोनोक्लोनल एंटीबाडी थेरेपी भी बहुत ज़्यादा काम नहीं करती।

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