वैक्सीन ही कोरोना महामारी से बचने का एकमात्र उपाय: राहुल गांधी

वैक्सीन ही कोरोना महामारी से बचने का एकमात्र उपाय: राहुल गांधी, भारत में Covid-19 की दूसरी लहर अभी तक ख़तरनाक साबित हुई है, इस महामारी जैसी भयावह तस्वीरें सामने आईं इससे पहले कभी देखने को नहीं मिली।

जहां एक तरफ़ श्मशान में के बाहर अपने रिश्तेदार के शवों का अंतिम संस्कार करने वालों की लाइनें और क़ब्रिस्तान में अपने परिवार के सदस्य को दफ़्न करने वालों की भीड़ दिखाई दी तो दूसरी तरफ़ अपने क़रीबी की जान बचाने की गुहार लगाने वालों का मजमा अस्पताल के बाहर नज़र आया, एक तरफ़ ऑक्सीजन बेड और वेंटिलेटर और की कमी के चलते अस्पतालों में कोविड मरीज़ों को इलाज नहीं मिल सका तो दूसरी तरफ़ गंगा में बहने वाली लाशों ने कलेजे को हिला कर रख दिया।

इन सारे हालात से देश की जनता बुरी तरह प्रभावित हुई है, लोगों में सरकार की इस बुरी व्यवस्था को लेकर भारी ग़ुस्सा देखने को मिला, ज़ाहिर है अपनी आंखों के सामने अपने परिवार के सदस्य को केवल ऑक्सीजन न मिलने से दम तोड़ता देख ग़ुस्सा स्वभाविक है।

ऐसे में सरकार की ज़िम्मेदारी बनती थी कि वह कम से कम वैक्सीनेशन को लेकर अपनी स्पीड बढ़ाए जिससे लोगों में Covid-19 की चपेट में आने की संभावना कम हो सके।

लेकिन जो आंकड़े हैं और जो रिपोर्टें हैं उनके अनुसार 6.5 करोड़ डोज़ विदेश भेजने के बाद भारत के पास पर्याप्त वैक्सीन मौजूदा समय में उपलब्ध नहीं हैं जिसके चलते ख़ुद अपने देश में वैक्सीनेशन की रफ़्तार सुस्त है।

राहुल गांधी ने इससे पहले भी सरकार की वैक्सीनेशन नीति पर सवाल खड़े किए थे जिसके बाद भी मोदी सरकार की रफ़्तार सुस्त ही दिखाई दे रही है, पिछले कुछ दिनों पहले भी दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वैक्सीन के फार्मूले को सार्वजनिक करने की बात कही थी ताकि दूसरी रजिस्टर्ड कंपनियां भी वैक्सीन बना सकें जिससे वैक्सीनेशन की रफ़्तार तेज़ी से आगे बढ़े लेकिन अभी तक सरकार ने इस बारे में कोई ध्यान नहीं दिया है।

आज फिर राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए इस मामले पर गंभीरता दिखाई और कहा: वैक्सीन ही Covid-19 महामारी से बचने का एकमात्र सहारा है लेकिन उसकी भी सरकार को कोई परवाह नहीं है।

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