ईरान की बढ़ती मिलिट्री पावर के आगे बेबस अमेरिकी युद्धपोत
ईरान की बढ़ती सैन्य शक्ति पर चिंता जात्ते हुए अमेरिका की प्रमुख रक्षा विशेषज्ञ माया कार्लिन ने कहा है कि ईरान की मेहरबानी से अमेरिकी विमानवाहक युद्धपोत अब अतीत की बात हो कर रह जाएंगे. ईरान की सैन्य प्रगति के कारण क्षेत्र में अमेरिकी विमानवाहक पोत बंद होने के कगार पर पहुँच चुके हैं.
ईरान की लगातार बढ़ती मिलिट्री पावर का उल्लेख करते हुए अमेरिका की प्रमुख रक्षा विश्लेषक माया कार्लिन ने वेबसाइट 1945 के लिए लिखे एक लेख में कहा कि ईरान आसानी के साथ अमेरिका के विमानवाहक युद्धपोतों को निशाना बना सकता है.
ईरान की मिलिट्री पावर और अमेरिकी युद्धपोतों को निशाना बनाने की तेहरान की क्षमता के बारे में बात करते हुए माया कार्लिन ने कहा कि बहुत से जानकार अमेरिका के मुक़ाबले रूस और चीन की मिलिट्री पावर के बारे में सवाल करते हैं. जबकि सवाल अन्य देशों के बारे में होना चाहिए, जैसे ईरान. जिसके पास खतरनाक मिसाइलों का बड़ा भंडार मौजूद है. ईरान ने अपने अंतिम युद्धाभ्यास में अमेरिकी सैन्य साज़ो सामान को नष्ट करने का अभ्यास भी किया था.
माया कार्लिन ने कहा कि हालाँकि अमेरिकी रक्षा सभी मामलों में श्रेष्ठ है, लेकिन ईरान केपास ऐसे हथियार हैं जिनसे वह अमेरिकी विमानवाहक पोत को आसानी से बर्बाद कर सकता है और यह सिर्फ विचार या दूर की कौड़ी नहीं बल्कि सच्चाई है. ईरान के पास ऐसे आधुनिक हथियार हैं जिन से वह अमेरिका के विमान वाहक पोत को आसानी से निशाना बना सकता है.
बता दें कि 2012 में, इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने होर्मुज जलडमरूमध्य के पास अमेरिका के युद्धपोत यूएसएस हैरी ट्रूमैन के पास रॉकेट दागे थे. जिसकी अमेरिकी सैन्य कमांड सेंटकॉम ने आलोचना करते हुए कहा था कि यह क्षेत्र मे अमेरिकी उपस्थिति के खिलाफ ईरान की एक बेहद उकसावे वाली कार्रवाई है.
कार्लिन 2019 में ओमान सागर में फुजैरा बंदरगाह के पास टैंकरों पर हमले का जिक्र करते हुए कहती हैं कि ईरान ने इन हमलों के बाद जता दिया था कि वह तेल की आपूर्ति को ठप करते हुए विश्व अर्थव्यवस्था को तबाह कर सकता है और उसके पास ऐसा करने की सलाहियत मौजूद है.
कार्लिन ने कहा कि ईरान की बढ़ती सैन्य क्षमता उसके दुश्मनों के लिए चिंता जनक है. हालाँकि बता करें अमेरिका की तो ईरान के मिसाइल और रॉकेट अमेरिका के लिए कोई बहुत बड़ा खतरा साबित नहीं हो सकते लेकिन वह अमेरिका को भारी नुकसान तो पहुंचा ही सकते हैं.