बाइडन पर रूस के साइबर हमलों का जवाब देने का भारी दबाव

बाइडन पर रूस के साइबर हमलों का जवाब देने का भारी दबाव  अमेरिका पर अभूतपूर्व साइबल हमले जारी हैं।

बाइडन पर कथित रूप से रूस की ओर से किए गए इन साइबर हमलों का मुंहतोड़ जवाब देने का भारी दबाव है।

एनबीसी न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने रूसी समकक्ष व्लादीमीर पुतिन से बात करते हुए उन्हें रूस में बैठे हैकरों की ओर से अमेरिका को निशाना बनाने को लेकर 3 सप्ताह पहले ही चेतावनी दी थी।

बाइडन और पुतिन की मुलाकात और अमेरिका की ओर से रूस को चेतावनी देने के 3 सप्ताह बाद ही अमेरिका पर इतिहास के सबसे बड़े साइबर हमले हुए।

हालांकि बाइडन ने 3 सप्ताह पहले अमेरिका पर है रूस से होने वाले साइबर हमलों को लेकर चेतावनी दी थी तो व्हाइट हाउस के अधिकारियों को भी यह विश्वास नहीं था कि पुतिन पर बाइडन की इस अपील का तत्काल कोई प्रभाव होगा अतः अमेरिका की ओर से रूस को इन हैकर्स पर नकेल कसने के लिए 6 महीने का टाइम दिया गया था।

विशेषज्ञों के अनुसार अमेरिका पर हुए हालिया साइबर हमले को रूस में बैठे एक हैकर ग्रुप ने अंजाम दिया था जिसमें अमेरिका की सैकड़ों कंपनी के साथ-साथ लगभग 30 देशों की 1,000 से अधिक कंपनियां प्रभावित हुई थी।

याद रहे कि जो बाइडन से हाल में ही हुए साइबर हमले में रूस का हाथ होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह अभी “निश्चित नहीं” हैं कि हाल ही में हुए रैंसमवेयर हमले के पीछे रूस का हाथ है कि नहीं , लेकिन अगर यह साबित हो गया कि इस हमले के पीछे रूस का ही हाथ हैं तो रूस को इसका मुँह तोड़ जवाब दिया जाएगा।

बाइडन ने कहा कि मैं “निश्चित” नहीं हूँ कि हमले के पीछे कौन है लेकिन “मैंने खुफिया समुदाय को निर्देश दिया है कि जो कुछ हुआ है, उस पर मुझे गहराई से जानकारी दें और तब ही आप लोगों को भी कुछ बता पाऊँगा लेकिन यह बात तय है कि अगर इसमें किसी तरह भी रूस की कोई भागेदारी नज़र आई तो मैंने पुतिन से कहा कि हम इसका भरपूर जवाब देंगे।

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