तालिबान के डर से रोज ठिकाना बदल रहे हैं अमेरिकी नागरिक

तालिबान के डर से रोज ठिकाना बदल रहे हैं अमेरिकी नागरिक  अफगानिस्तान में अमेरिकन ग्रीन कार्ड धारकों में तालिबान का डर और खौफ इतना बैठा हुआ है कि मैं कहीं एक जगह चैन से नहीं रह पा रहे हैं।

तालिबान के डर से अमेरिकी नागरिकता रखने वाले एवं अमेरिकी नागरिक है हर रात अलग-अलग घरों में गुजारा कर रहे हैं। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में कैलिफोर्निया का एक कपल अपने तीन बच्चों के साथ फंसा हुआ है।

दोनों वयस्क बारी-बारी से सोते हैं। जब एक से होता है तो दूसरा बच्चों की निगरानी करता है। अगर तालिबान की आहट भी हो तो उन्हें वहां से भागने में आसानी हो। यह कपल दो हफ्तों में कम से कम 7 बार अपना स्थान बदल चुका है।

वह रहने और खाने के लिए अपने रिश्तेदारों पर आश्रित हैं। उन्हें बेसब्री से किसी अमेरिकी अधिकारी की एक फोन कॉल का इंतजार है जो उन्हें अफगानिस्तान से निकालने में मदद कर सके। अमेरिकी विदेश विभाग ने के दिन पहले उनसे संपर्क किया था और कहा था कि उन्हें अफगानिस्तान से निकालने की जिम्मेदारी एक व्यक्ति को दे दी गई है लेकिन उसके बाद उनसे कोई संपर्क नहीं किया गया।

अफगानिस्तान से निकलने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संगठन के संपर्क में हैं एसोसिएटेड प्रेस को भेजे गए संदेश में बच्चों की मां ने कहा कि छुप-छुप कर रहे हैं और बुरी तरह डरे हुए हैं।

अफगानिस्तान पर अमेरिका की ओर से थोपे गए 20 वर्षीय युद्ध में अमेरिका के स्थाई निवासी, ग्रीन कार्ड धारक तथा वीज़ा आवेदक समेत बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्होंने अमेरिकी सेना की मदद की थी और वह अफगानिस्तान से नहीं निकल सके हैं।

आज जब अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो चुका है तो अमेरिकी सेना की मदद करने वाले यह लोग बेहद डरे हुए हैं। उन्हें लगता है कि तालिबान उन्हें खोज कर जेल में डाल देंगे या फिर उन्हें मार डालेंगे। क्योंकि वह अमेरिकी है या अमेरिकी सेना के लिए काम कर चुके हैं।
इन लोगों को चिंता है कि अमेरिकी प्रशासन ने उन्हें निकालने के लिए जो वादा किया था वह पूरा नहीं हो रहा है।

अमेरिका का ग्रीन कार्ड रखने वाले एक व्यक्ति काबुल में रह रहे हैं। एक दिन उनके घर की फोन की घंटी बजी। उन्हें लगा कि शायद अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से संपर्क किया गया होगा लेकिन फोन तालिबान की ओर से था। तालिबान ने कहा कि हम आप को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। आओ हमसे मिलो। कुछ नहीं होगा।

तालिबान ने ये भी कहा कि हम जानते हैं कि तुम कहां रह रहे हो। लेकिन इस व्यक्ति पर तालिबान का खौफ इतना था कि वह अपने परिवार को लेकर वह अपार्टमेंट छोड़कर ही भाग गया।

याद रहे कि पिछले हफ्ते अमेरिकी विदेश मंत्री ने कांग्रेस के सम्मुख कहा था कि ऐसा अनुमान है कि अफगानिस्तान में अमेरिकी नागरिकों समेत हजारों ग्रीन कार्ड धारक मौजूद हैं अमेरिकी सरकार उन्हें निकालने के लिए प्रयासरत है।

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