भारत की ओर से तेल उत्पादन बढ़ाने की मांग भले ही सऊदी अरब ने मानी न हो लेकिन उसने तेल कीमतें बढ़ा कर एक बार फिर तेल कीमतों में उछाल लाने के संभावित संकट को बढ़ाने का काम कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार सऊदी अरब की तेल कंपनी Saudi Aramco ने एशियन कंट्रीज के लिए प्रति बैरल 0.4 अमेरिकी डॉलर की बढ़ोतरी की है।
वहीँ अरामको ने अमेरिका और यूरोप की मार्केट के लिए क्रमश: 0.1 और 0.2 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल की कटौती की है। बता दें कि इस समय क्रूड ऑयल की कीमत 61.45 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल है
सऊदी कंपनी के इस निर्णय के बाद अटकलों का बाज़ार गरम है कि क्या पेट्रोल-डीजल की कीमतें क्या एक बार फिर से बढ़ सकती है ? क्या देश की आम जनता पर एक बार फिर से महंगाई की मार पड़ सकती है? सऊदी अरब ने एशियाई देशों के लिए क्रूड ऑयल की कीमत बढ़ा दी है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एशियाई देशों के लिए प्रीमियम चार्ज लगाने के कारण ऐसा होता है।
सऊदी कंपनी की ओर से क्रूड ऑयल की कीमतों में की गई बढ़ोतरी से यूरोपियन कंट्रीज को अलग रखा गया है। यानी केवल भारत, चीन, पाकिस्तान जैसे एशियाई देशों को प्रीमियम कीमत चुकानी होगी। बढ़ाई गई कीमतें अगले महीने से लागू होंगी। पेट्रोल-डीजल महंगा हुआ तो सामानों का ट्रांसपोर्टेशन चार्ज यानी माल भाड़ा भी बढ़ेगा। माल भाड़ा बढ़ेगा तो खाद्य सामग्री समेत अन्य सामानों की कीमतें भी बढ़ सकती हैं। यानी इस महंगाई का सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा।