नाटो ने पहली बार चीन को सुरक्षा चुनौती किया घोषित
नाटो ने पहली बार चीन को अपनी रणनीतिक प्राथमिकताओं में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया है जिसमें कहा गया है कि बीजिंग की महत्वाकांक्षाएं और इसकी जबरदस्ती नीतियां पश्चिमी ब्लॉक के हितों, सुरक्षा और मूल्यों को चुनौती देती हैं।
नाटो की चीन के लिए चेतावनी तब सामने आई है जब बाइडन ने चीन के मानवाधिकार रिकॉर्ड के बारे में एकजुट आवाज उठाने के लिए सहयोगियों को रैली करने के अपने प्रयास को तेज करने को कहा है। रूस को प्रत्याक्ष खतरा घोषित करने के बाद नाटो ने पहली बार चीन को रणनीतिक प्राथमिकता में शामिल किया है।
मैड्रिड में आयोजित बैठक में नाटो देशों ने कहा कि चीन की महत्वाकांक्षा और पीड़ा देने वाली नीतियां पश्चिमी देशों के हितों, सुरक्षा और मूल्यों के लिए चुनौती बन गईं है। नाटो ने कहा कि चीन ने वैश्विक स्थिरता के लिए गंभीर चुनौतियां पेश की हैं। नाटो नेताओं ने चीन से अपनी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को कायम रखने और अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के साथ जिम्मेदारी से काम करने को कहा है।
बयान में कहा गया है कि चीन और रूस के बीच गहरी होती रणनीतिक साझेदारी और नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को कम करने की उनकी साझा कोशिशें हमारे मूल्यों और हितों के विपरीत हैं। नाटो ने कहा कि चीन के दुर्भावनापूर्ण हाइब्रिड और साइबर ऑपरेशन और इसकी टकराव संबंधी बयानबाजी और दुष्प्रचार सहयोगियों को निशाना बनाते हैं और नाटो की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाते हैं।
स्पेन की राजधानी मेड्रिड में आयोजित नाटो शिखर सम्मेलन में महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि तीस देशों का सैन्य गठबंधन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे गंभीर सुरक्षा संकट की चुनौती का सामना कर रहा है। गठबंधन के नेताओं ने रूस के आक्रमण का सामना कर रहे यूक्रेन के लिए राजनीतिक और व्यावहारिक समर्थन बढ़ाने का वादा किया।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन एक अचूक संदेश भेजेगा कि नाटो मजबूत और एकजुट है।