यूक्रेन से निकल कर भी सुरक्षित नहीं है महिलाएं, फौज से बचें तो तस्करों का डर

यूक्रेन से निकल कर भी सुरक्षित नहीं है महिलाएं, फौज से बचें तो तस्करों का डर

रूस के हमले में जहां यूक्रेन का माली नुकसान हो रहा है वहीं दूसरी तरफ उससे बड़ा नुकसान यूक्रेन के लोगों की जान का हो रहा है।
पश्चिमी जगत , नाटो और अमेरिका के भरोसे रूस से पंगा मोल लेना वाला यूक्रेन संकट के दौर से गुज़र रहा है।

रूस के हमलों के साथ ही यूक्रेन से भारी संख्या में लोग पलायन कर रहे हैं। इन पलायन करने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं लेकिन पलायन करने के बाद भी महिलाओं की समस्या खत्म नहीं हो रही है। अगर वह यूक्रेन की फौज से बच कर सरहद पार करने में सफल हो भी जाती हैं तो महिला तस्करों के चंगुल में फंसे रहने का दर बना रहता है जो उनका शोषण कर उन्हें वेश्यावृत्ति की दलदल में धकेलने के लिए तैयार बैठे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब तक यूक्रेन से एक करोड़ से अधिक लोग पलायन कर चुके हैं जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं। कहा जा रहा है कि यूक्रेन छोड़ने के बाद उनको दूसरे देशों में और ज्यादा मुश्किलो का सामना करना पड़ रहा है जिसमें सबसे ज्यादा दिक्कते महिलाओं के सामने आ रही है। महिलाओं को मानव तस्करी या देह व्यापार की दलदल में धकेला जा रहा है।

महिलाओं और बच्चों का यह पलायन करना तस्करी करने वालों के लिए एक अनोखा अवसर है और वह इस अवसर का भरपूर फायदा उठा रहे हैं और पलायन करने वाली महिलाओं की तस्करी कर रहे हैं। इस चीज को देखते हुए देखते हुए कीव में शरणार्थियों के लिए काम करने वाली संस्था की कार्यकर्ता मार्गेरेटा ने कहा है कि हम महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए अलग से कैंप तैयार करेंगे जिनमें पलायन करने वाली महिलाओं को रखा जाएगा और उन्हें तस्करी करने वालों की पहुंच से दूर रखा जाएगा।

बता दें कि हाल ही में पलायन कर इस्राईल पहुंची यूक्रेन की महिलाओं से संबंधित कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया था कि उन्हें तल अवीव लाने वाले लोग उन पर खर्च किये गए अपने पैसे वापस मांगने के नाम पर देह व्यापर के धंधे में धकेलने के लिए मजबूर कर रहे थे।

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