काला सागर में रूसी युद्धपोत पर हमला
यूक्रेन का दावा है कि उसने मिसाइल की सहायता से रूसी युद्धपोत को आग के शोले में बदल दिया है। लेकिन रूस ने यूक्रेन के इस दावे को झुट्लाते हुए कहा है कि मिसाइलों से लैस इस युद्धपोत के गोला बारूद में आग लग जाने की वजह से इसमें धमाका हुआ है और समय रहते रूस ने अपने सभी नौसैनिकों को युद्धपोत से निकाल लिया था।
ग़ौरतलब है कि जब से जंग की शुरुआत हुई है तब से स्नेक आइलैंड से मोस्कवा से कई मिसाइलों से निशाना बनाया गया है। यह रूसी युद्धपोत यूक्रेन के निशाने पर था। इस युद्धपोत को निशाना बनाने के लिए दावा है कि यूक्रेन ने मोस्कवा के रडार सिस्टम में छेड़छाड़ की है। इसके लिए तुर्की के बायरक्तार ड्रोन का सहारा लिया गया और मौका देखकर ओडेसा में छिपी यूक्रेन की सेना ने 2 नेप्चून मिसाइलों से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है।
बता दें कि पिछले 40 सालों में युद्ध के दौरान किसी नौसैनिक जहाज को हुआ यह सबसे बड़ा नुकसान है। रूस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि अज्ञात कारणों से लगी आग ने जहाज के गोला-बारूद को उड़ा दिया। इन विस्फोट के कारण ही मोस्कवा को भारी नुकसान पहुंचा। इतने गंभीर नुकसान के बाद युद्धपोत को पास के बंदरगाह पर ले जाया जा रहा था। इस दौरान ही यह जहज समुद्र के बीच में डूब गया।
दूसरी तरफ यूक्रेन का कहना है कि उसने मोस्कवा पर एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों से हमला किया और इसी करण उसमें आग लगी। इस आग से ही उसमें रखे गोला-बारूद में ब्लास्ट हुआ।