अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बाइडन के विदेश मंत्री ने संकेत दिए है कि अमेरिका ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते में वापस पलटने को तैयार है लेकिन इस के लिए ईरान को भी अपनी प्रतिबद्धताओं पर फिर से काम शुरू कर देसना चाहिए।
एंथोनी ब्लिंकन ने कहा कि हम इससे भी अधिक मज़बूत समझौते के लिए कोशिश करेंगे और अपने घटकों को दोबारा अपने साथ लाएंगे। उन्होंने कहा कि समझौते में ईरान का मिसाइल कार्यक्रम और पश्चिमी एशिया के देशों में ईरान की गतिविधियों का मुद्दा भी शामिल किया जाना चाहिए।
जबकि दूसरी ओर ईरान इस मामले में साफ़ कर चुका है कि उसे परमाणु समझौते में अमेरिका की वापसी पर कोई आग्रह और जल्दबाज़ी नहीं है बल्कि ईरान का यह मुद्दा ही नहीं है कि अमेरिका परमाणु समझौते में लौटता है या नहीं। ईरान के सामने मुख्य मुद्दा यह है कि ईरान पर लगे सारे प्रतिबंध हटें। मिसाइल कार्यक्रम पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए ईरान ने कहा कि वह पूरी शक्ति से अपना मिसाइल कार्यक्रम जारी रखेगा और क्षेत्र में अपने घटकों की मदद का सिलसिला भी ऐसे ही जारी रहेगा।
फ़िलिस्तीन के मुद्दे पर ब्लिंकन ने कहा कि इस विवाद का एक ही स्थायी समाधान हो सकता है कि दो देशों की स्थापना हो मगर अल्पावधि में यह लक्ष्य प्राप्त कर पाना कठिन है। ब्लिंकन ने इसके साथ यह भी कहा कि बैतुल मुक़द्दस इस्राईल की राजधानी रहेगा और अमेरिकी दूतावास वहीं पर मौजूद रहेगा।
यमन युद्ध के बारे में ब्लिंकन ने कहा कि अंसारुल्लाह आंदोलन या हौसियों को आतंकी संगठन घोषित करने के फ़ैसले पर पुनर्विचार किया जाएगा। ताकि यमन को भेजी जा रही मानवीय सहायताओं में रुकावट न आए।