तुर्की ने अफ़ग़ान शांति वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभाने के लिए अपनी तैयार का ऐलान करते हुए कहा कि काबुल सरकार और तालिबान के बीच वार्ता की मेज़बानी के लिए तैयार है।
रिपोर्ट के नौसर तुर्की के विदेश मंत्री मौलूद चावूश ओग़लू ने अनातोली प्रेस से बात करते हुए कहा कि तुर्की अफगान शांति सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए तैयार है, जिसका उद्देश्य अगले महीने इस्तांबुल में काबुल सरकार और तालिबान के बीच शांति समझौते पर मुहर लगाना है।
मौलूद चावूश ओग़लू ने तुर्की की अर्ध-सरकारी समाचार एजेंसी अनातोली को बताया, तालिबान और वार्ता प्रतिनिधिमंडल दोनों ने हमें पहले इस तरह की बैठक की मेजबानी करने के लिए कहा था। ओग़लू ने कहा कि हम यह बैठक कतर के साथ समन्वय में करेंगे।
ओग़लू ने जोर देकर कहा कि यह बैठक दोहा द्वारा अपनायी गई प्रक्रिया का विकल्प नहीं होगी, बल्कि एक सहायक की भूमिका में है। मंत्री ने कहा कि अंकारा वार्ता में योगदान देने के लिए शांति प्रक्रिया के लिए एक विशेष दूत नियुक्त करेगा।
याद रहे कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी को लिखे एक पत्र में, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी तुर्की में संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाले शांति सम्मेलन आयोजन का प्रस्ताव दिया है, जो अफगानिस्तान में शांति का समर्थन करने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण पर चर्चा करने के बारे में है। 18 मार्च को अफगान शांति प्रक्रिया पर मॉस्को में एक और बैठक होगी।
अमेरिका और तालिबान ने फरवरी 2020 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसने मई 2021 तक संघर्ष-ग्रस्त देश से अमेरिकी सैन्य बलों को पूरी तरह से वापसी पर सहमति बनी, यदि आतंकवादी समूह अन्य आतंकवादी संगठनों के साथ संबंधों को तोड़ने सहित समझौते की शर्तों को पूरा करता है। लेकिन जो बाइडन प्रशासन का कहना है कि तालिबान ने अमेरिका-तालिबान समझौते के तहत अपनी प्रतिबद्धता को पूरा नहीं किया है।