सैन्य तख्तापलट की साजिश रचने वाले पूर्व ब्राजीली राष्ट्रपति को 27 साल की सजा
ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो को 27 साल और तीन महीने की कड़ी सजा सुनाई है। उन पर 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में हार के बाद भी सत्ता में बने रहने के लिए सैन्य तख्तापलट की साजिश रचने का आरोप था। यह फैसला ब्राजील के न्यायिक इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है, क्योंकि बोल्सोनारो ब्राजील के पहले पूर्व राष्ट्रपति हैं जिन्हें लोकतंत्र पर हमले के लिए सजा सुनाई गई है। हालांकि अमेरिका खुलेआम बोल्सोनारों के बचाव में लगा हुआ था। लेकिन वहां की अदालत ने इसकी परवाह नहीं की।
अभियोजकों के अनुसार, साजिश 2021 में ही शुरू हो गई थी, जब बोल्सोनारो ने चुनाव प्रणाली पर अविश्वास फैलाने की कोशिश की। इसमें राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा, उपराष्ट्रपति जेराल्डो अल्कमिन और सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अलेक्जेंड्रे दे मोराएस की हत्या की योजना भी शामिल थी, जिसमें विस्फोटक, हथियार या जहर का इस्तेमाल करने की बात कही गई।
यह साजिश 8 जनवरी 2023 को बोल्सोनार के समर्थकों द्वारा सरकारी भवनों पर हमले में भड़की, जब कांग्रेेस, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति भवन पर धावा बोला गया।
सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच ने गुरुवार को चार जजों के बहुमत से बोल्सोनारो को पांचों आरोपों, तख्तापलट की कोशिश, सशस्त्र आपराधिक संगठन में भागीदारी, लोकतांत्रिक व्यवस्था को हिंसक तरीके से उखाड़ फेंकने का प्रयास, राज्य संस्थानों पर हिंसक हमला और संरक्षित सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान में दोषी करार दिया। एक जज ने उन्हें बरी करने का मत दिया, लेकिन बहुमत के फैसले ने सजा को अंतिम रूप दिया।
कोर्ट ने बोल्सोनारो के साथ-साथ सात अन्य सहयोगियों को भी दोषी ठहराया, जिनमें पूर्व रक्षामंत्री वाल्टर ब्रागा नेट्टो, पाउलो सर्जियो नोगुएरा, पूर्व सहायक मौरो सिड, सैन्य सलाहकार ऑगस्टो हेलेना रिबेरो, पूर्व गृहमंत्री एंडरसन टोरेस, पूर्व नौसेना प्रमुख अल्मिर गार्नियर सैंटोस और पूर्व पुलिस अधिकारी अलेक्जेंड्रे रमागेम शामिल हैं। पांच सैन्य अधिकारी भी इस समूह में हैं।
फैसले के बाद बोल्सोनारो के वकीलों ने इसे “अनुचित रूप से कठोर” बताते हुए अपील दायर करने की घोषणा की। वर्तमान में नजरबंद बोल्सोनारो ने हाल ही में दिए एक साक्षात्कार में कहा था कि “वे मुझे 2026 के चुनाव से बाहर करना चाहते हैं, ताकि लूला आसानी से जीत जाएं।” कोर्ट ने उन्हें 2033 तक सार्वजनिक पद के लिए अयोग्य भी घोषित कर दिया है।

