तालिबान ने कहा, हम शांति से रह सकते हैं, कोई पड़ोसी नहीं बदल सकता भारत ने अफ़ग़ानिस्तान में भारी निवेश किया है ऐसे में सितम्बर तक अमेरिका समेत तमाम विदेशी सेनाओं के अफ़ग़ानिस्तान से निकलने के बाद इस देश में भारत की क्या भूमिका होगी इसे लेकर चिंता का माहौल है। भारत ने विकास सहायता के तौर पर अफगानिस्तान में भारी निवेश के कारण अफगानिस्तान में भारत का प्रभाव बढ़ा है।
तालिबान और पाकिस्तान करीबी है, ऐसे में भारत और अफगानिस्तान के रिश्ते को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। ऐसे में तालिबान ने भारत को लेकर अपनी बात रखी है। तालिबान का कहना है कि वह ये मानता है कि वो भारत और अन्य पड़ोसी देशों के साथ शांति से रह सकता है। तालिबान ने कहा कि कोई भी देश उसके पड़ोसियों को नहीं बदल सकता।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने ये बात भारत और कश्मीर पर पूछे गए सवाल पर कही। सुहैल शाहीन ने कहा, ‘पाकिस्तान हमारा पड़ोसी देश है। दोनों ही देशों के इतिहास और मूल्य समान रहे हैं। भारत हमारा क्षेत्रीय देश है। कोई भी देश अपना पड़ोसी और क्षेत्र नहीं बदल सकता है। हमें इस हकीकत को स्वीकारना होगा और शांतिपूर्ण तरीके से रहना होगा। यह हम सभी के हित में है।
तालिबान प्रवक्ता ने तालिबान को एक ‘राष्ट्रवादी इस्लामिक ताकत’ बताते हुए कहा कि उसका उद्देश्य ‘अफगानिस्तान को विदेशी कब्जे से आजाद कराना और इस्लामिक सरकार की स्थापना करना है। इससे पहले ऐसी रिपोर्ट्स थीं कि भारतीय अधिकारियों ने तालिबानी धड़ों के साथ संपर्क स्थापित किया है। जिनमें मुल्ला बरादर भी शामिल है।
भारत को पहले अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया था। पाकिस्तान ने इस शांति वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभाई है। फिर अगले चरण की बातचीत के लिए तालिबान और अफगान सरकार के प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए एक साथ लाया गया है।