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छोटे दलों से गठबंधन की बात समाजवादी पार्टी की लाचारी की दलील: मायावती

New Delhi: Samajwadi Party President Akhilesh Yadav addresses during "NDTV Yuva 2018", in New Delhi on Sept 16, 2018. (Photo: Amlan Paliwal/IANS)

छोटे दलों से गठबंधन की बात समाजवादी पार्टी की लाचारी की दलील: मायावती

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं, जिसके लिए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने कहा था कि वह छोटे दलों के साथ गठबंधन कर सकते हैं लेकिन बड़े दलों के साथ गठबंधन करने की ग़लती दोबारा नहीं करेंगे, इसी बात को लेकर बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने अखिलेश यादव पर तंज़ कसते हुए कहा कि ऐसा बयान समाजवादी पार्टी की महालाचारी है, साथ ही मायावती ने समाजवादी पार्टी पर दलित विरोधी सोच होने का भी आरोप लगाया।

मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा कि समाजवादी पार्टी घोर स्वार्थी, संकीर्ण और ख़ासकर दलित विरोधी सोच और कार्यशैली आदि के कड़वे अनुभवों साथ ही इसकी भुक्तभोगी होने के कारण देश की अधिकतर बड़ी और प्रमुख पार्टियां चुनाव में इनसे किनारा करना ही ज़्यादा बेहतर समझती हैं, जो सर्वविदित है।

इसीलिए आने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अब यह किसी भी बड़े दल के साथ नहीं बल्कि छोटे दलों के गठबंधन के सहारे ही लड़ेगी, ऐसा कहना और करना सपा की महालाचारी नहीं तो और क्या है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अखिलेश यादव ने कहा है कि समाजवादी पार्टी आने वाले चुनाव में छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन करेगी, इसके साथ ही उन्होंने BJP पर भी निशाना साधते हुए कहा कि BJP असली मुद्दों पर बहस करने से भागती है, बे रोज़गारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर बात ही नहीं करती।

मायावती इससे पहले BJP और कांग्रेस को भी निशाना बना चुकी हैं, उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश और पूरे देश भर में करोड़ों युवा और पढ़े लिखे बे रोज़गार लोग सड़क के किनारे पकौड़े बेचने और अपना जीवन गुज़ारने के लिए मज़दूरी करने को मजबूर हैं, तथा उनके मां बाप और परिवार जो यह सब देख रहे हैं उनकी व्यथा को समझा जा सकता है, जो यह दुखद, दुर्भाग्यपूर्ण व अति चिंताजनक, BSP देश में ऐसी भयावह स्थिति पैदा करने के लिए केंद्र में BJP के साथ साथ कांग्रेस को भी बराबर का ज़िम्मेदार मानती है जिसने लंबे समय तक यहां लगातार राज किया और अपने कार्यकलापों की भुक्तभोगी बनकर कांग्रेस केंद्र उत्तर प्रदेश और काफ़ी राज्यों की भी सत्ता से बाहर हो गई।

उन्होंने आगे कहा कि यदि BJP भी कांग्रेस के नक्शेकदम पर चलती रही तो फिर इस पार्टी का भी वही हाल होगा जो कांग्रेस का हो चुका है, जिसपर BJP को गंभीरता से सोचना चाहिए, क्योंकि इनकी ऐसी नीति और कार्यकलापों से न तो जनकल्याण और न ही देश की आत्मनिर्भरता संभव हो पा रही है।

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