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मराठा और ओबीसी समाज आमने-सामने, मनोज जरांगे का फडणवीस को अल्टीमेटम

मराठा और ओबीसी समाज आमने-सामने, मनोज जरांगे का फडणवीस को अल्टीमेटम

महाराष्ट्र: मराठा सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे पिछले 5 दिनों से अपने गांव अंतरवाली सराटी में भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उन्हें समर्थन देने और एकजुटता व्यक्त करने के लिए जालना के विभिन्न इलाकों से मराठा लोग रोज अंतरवाली सराटी पहुंच रहे हैं। लेकिन शुक्रवार देर रात हालात तब बिगड़ गए जब उन लोगों को वड़ी गुदरी गांव में बैरिकेड लगाकर रोका गया। वहां ओबीसी कार्यकर्ता भी मौजूद थे जिनसे मराठा लोगों की बहस शुरू हो गई और यह बहस जल्द ही झगड़े में बदल गई। बात मनोज जरांगे तक पहुंची और उन्होंने दो मंत्रियों को फोन कर नाराजगी जाहिर की। इसके बाद बैरिकेड हटाए गए और मराठा लोगों को अंतरवाली सराटी जाने की अनुमति दी गई।

गौरतलब है कि जालना स्थित अंतरवाली सराटी मनोज जरांगे का पैतृक गांव है, जहां वह भूख हड़ताल पर बैठे हैं। जबकि वड़ी गुदरी वह जगह है जहां ओबीसी कार्यकर्ता लक्ष्मण हाके मराठा आरक्षण के विरोध में भूख हड़ताल पर बैठे थे। लक्ष्मण हाके लगातार मनोज जरांगे की आलोचना कर रहे हैं। इस दौरान जरांगे की भूख हड़ताल को मराठा समाज का पूरा समर्थन मिल रहा है और जालना के विभिन्न गांवों से लोग उनके समर्थन में अंतरवाली सराटी पहुंच रहे हैं। लेकिन शुक्रवार देर रात वड़ी गुदरी गांव में सड़क पर बैरिकेड लगाए जाने से मराठा लोगों का काफिला, जो जरांगे के पास जा रहा था, रुक गया। यह बैरिकेड पुलिस ने लगाए थे, लेकिन वहां ओबीसी कार्यकर्ता भी मौजूद थे। मराठा लोगों की पुलिस से बहस हुई, तो ओबीसी कार्यकर्ता पुलिस का समर्थन करने लगे, जिससे माहौल और गरमा गया। दोनों पक्षों के बीच नारेबाजी हुई।

हालात बिगड़ने लगे तो किसी ने मनोज जरांगे को खबर दी। वह इस बात पर नाराज हो गए कि पुलिस ने उनके पास आ रहे मराठा लोगों को बैरिकेड लगाकर रोकने की कोशिश की। उन्होंने तुरंत राज्य के मंत्री शंभुराज देसाई और दीपक केसरकर को फोन किया और सीधे सवाल किया कि “क्या देवेंद्र फडणवीस राज्य में दंगा भड़काना चाहते हैं?” उन्होंने कहा, “अगर तुरंत पुलिस को बैरिकेड हटाने का आदेश नहीं दिया गया तो मैं खुद वहां जाऊंगा और मराठा कार्यकर्ता इन बैरिकेड्स को उठाकर सागर बंगले (देवेंद्र फडणवीस का मुंबई स्थित घर) तक छोड़ आएंगे।” शंभुराज देसाई और दीपक केसरकर ने जरांगे को समझाने की कोशिश की और पुलिस को बैरिकेड हटाने का आदेश दिया।

ओबीसी समाज का विरोध रात में किसी तरह हालात काबू में आ गए, लेकिन शनिवार को ओबीसी समाज ने एक बार फिर वड़ी गुदरी गांव में रास्ता रोको आंदोलन शुरू कर दिया। ये लोग मनोज जरांगे के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। उनका कहना था कि वे मराठा लोगों को वड़ी गुदरी के रास्ते अंतरवाली सराटी नहीं जाने देंगे। पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने पुलिस से भी बहस शुरू कर दी। हालात किसी तरह काबू में नहीं आ रहे थे। खबर लिखे जाने तक वड़ी गुदरी गांव में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी।

बीड और पुणे में बंद जब देर रात बैरिकेड लगाकर मराठा लोगों का रास्ता रोकने की खबर जालना के पड़ोसी जिले बीड में पहुंची, तो वहां भी मराठा समाज ने नाराजगी जताई और शनिवार को ‘बंद’ का आह्वान किया। शनिवार को बीड के अधिकांश इलाकों में बंद का आयोजन हुआ। दुकानें और व्यवसाय बंद रखे गए। पुलिस ने पहले ही बड़े पैमाने पर सुरक्षा के इंतजाम कर रखे थे। बीड के अलावा पुणे में रविवार को बंद का आह्वान किया गया है। यानी आज पुणे शहर में सभी दुकानें और व्यवसाय बंद रहेंगे। अखंड मराठा समाज नामक संगठन ने यह घोषणा की है।

“दंगे हुए तो फडणवीस और भुजबल जिम्मेदार होंगे” इस दौरान अंतरवाली सराटी में मनोज जरांगे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर मराठा और ओबीसी टकराव के कारण महाराष्ट्र में दंगे हुए या हालात खराब हुए तो इसके लिए देवेंद्र फडणवीस और छगन भुजबल जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा कि छगन भुजबल और परली वाले (धनंजय मुंडे) कुछ न कुछ शरारत करते रहते हैं। हम ओबीसी समाज का सम्मान करते हैं और वड़ी गुदरी गांव का भी सम्मान करते हैं। ये दोनों माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए सरकार को इनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। पुलिस ने मनोज जरांगे को आश्वासन दिया है कि अगर वड़ी गुदरी से मराठा लोगों को अंतरवाली सराटी की ओर जाने नहीं दिया गया, तो वे उन्हें अन्य रास्ते उपलब्ध कराएगी।

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