किसी भी धार्मिक गुरु के खिलाफ बयान देना ग़लत: योगी आदित्यनाथ

किसी भी धार्मिक गुरु के खिलाफ बयान देना ग़लत: योगी 

किसी भी जाति, धर्म, सम्प्रदाय से संबंधित धार्मिक गुरु, देवताओं, महापुरुषों या संतों के खिलाफ अपमानजनक बयान अस्वीकार्य हैं, लेकिन विरोध प्रदर्शन और धरने के नाम पर हंगामा भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह चेतावनी राज्य के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक में दी और कहा कि सभी मत, धर्म और सम्प्रदाय के लोगों को एक-दूसरे का सम्मान करना होगा। दूसरी ओर, विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि भाजपा अपने राजनीतिक लाभ के लिए सत्ता का दुरुपयोग कर रही है।

लखनऊ में राज्य के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हर नागरिक में महापुरुषों के प्रति सम्मान का भाव होना चाहिए, लेकिन इसे जबरदस्ती किसी पर थोपा नहीं जा सकता। अगर कोई व्यक्ति किसी भी सम्प्रदाय के विश्वास के साथ खिलवाड़ करेगा तो उसे कानून के दायरे में लाया जाएगा और कड़ी सज़ा दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी है कि विरोध प्रदर्शन के नाम पर हिंसा और अशांति भी स्वीकार्य नहीं है।

उन्होंने कहा कि अगर किसी ने ऐसी कोई गलती की तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। त्योहारों को देखते हुए उच्च अधिकारियों के साथ की गई बैठक में मुख्यमंत्री ने पुलिस को कानून के खिलाफ काम करने वालों से सख्ती से निपटने की हिदायत दी और महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने पर जोर दिया।

कानून-व्यवस्था के संबंध में सोमवार को बुलाई गई बैठक में मुख्य सचिव, डीजीपी, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह और अन्य विभागों के उच्च अधिकारियों के साथ शांति व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर सम्प्रदाय और मत का सम्मान किया जाना चाहिए। हर ज़िला और हर थाना यह सुनिश्चित करेगा कि नवरात्रि का त्योहार खुशी, शांति और सौहार्द के माहौल में मनाया जाए और माहौल खराब करने वालों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाए।

इस बीच, भाजपा के विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा है कि अगर किसी को यति नरसिंहानंद से तकलीफ है तो एफआईआर दर्ज कराए, कार्रवाई की मांग करे, लेकिन ‘सिर तन से जुदा’ के नारे लगाकर किसी मठ या मंदिर की तरफ देखा भी तो यूपी मॉडल में अंजाम भुगतना पड़ेगा।

दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा अपने राजनीतिक लाभ के लिए सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने साजिश की सारी हदें पार कर दी हैं। उन्होंने कहा है कि भाजपा का तरीका जनता-विरोधी है, अन्याय और अत्याचार अपने चरम पर है। भाजपा संविधान और लोकतंत्र की गरिमा को तार-तार कर रही है और लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। अब जनता को 2027 का इंतजार है जब भाजपा को सबक सिखाने का मौका मिलेगा। गौरतलब है कि यति नरसिंहानंद की बदजुबानी के बाद देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं जिनमें उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और मेरठ भी शामिल हैं। यति की बदजुबानी पूरी तरह स्पष्ट है लेकिन अभी तक उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है, इसके विपरीत उसके खिलाफ प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है।

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