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ईरान की नसीहत, परमाणु वार्ता के प्रति ईमानदार तो प्रतिबंध हटाए अमेरिका

ईरान की नसीहत, परमाणु वार्ता के प्रति ईमानदार है तो प्रतिबंध हटाए अमेरिका ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते में लौटने की अमेरिका की नियत पर सवाल उठाते हुए ईरान ने अमेरिका को नसीहत की है।

ईरान ने परमाणु समझौते में अमेरिका की वापसी के मुद्दे पर कहा है कि अमेरिका अगर इस समझौते में लौटने का इच्छुक है और वह ईमानदारी से काम ले रहा है तो उसे ईरान के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों को हटा देना चाहिए।

ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने कहा है कि अमेरिका अगर विएना में बाधित परमाणु वार्ता को बहाल करने का इच्छुक है तो उसे चाहिए कि वह ईरान के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों को हटा दे।

रईसी ने ईरान के अधिकारिक टीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान पश्चिमी जगत के साथ लक्ष्यों को निर्धारित करते हुए इमानदारी से बातचीत करता रहा है। ईरान ने कभी भी वार्ता को आधार में नहीं छोड़ा। दूसरा पक्ष इस वार्ता को लेकर कितना गंभीर है वह इस बात से मालूम होगा जब वह हमारे खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों को हटा लेते हैं।

याद रहे कि 2015 में ईरान और विश्व शक्तियों के बीच हुए परमाणु समझौते से अमेरिका 2018 में एक पक्षीय रूप से निकल गया था। अमेरिका के इस परमाणु समझौते में वापसी को लेकर विएना में वार्ता जारी थी लेकिन 2021 के बाद से ही इस वार्ता में कोई प्रगति नहीं हुई है।

अगस्त में ईरान के राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने वाले रईसी के प्रशासन ने वार्ता बहाल करने के लिए किसी तिथि की घोषणा नहीं की है। हाल ही में ईरान विएना वार्ता बहाल करने की अपील की अनदेखी करता रहा है। ईरान विएना वार्ता से पहले इस समझौते में शामिल अन्य पक्षों के साथ अलग से बैठक करना चाहता है।

दूसरी ओर अमेरिकी विदेश मंत्री ने सोमवार को वाशिंगटन में संयुक्त राष्ट्र की परमाणु हथियार निगरानी संस्था के प्रमुख से मुलाकात करते हुए कहा कि बाइडन प्रशासन को नहीं लगता कि ईरान को ब्रसेल्स में विएना वार्ता से पहले परमाणु समझौते में शामिल अन्य पक्षों के साथ मुलाकात करने की आवश्यकता है।

ब्लिंकेन ने ईरान को अपरोक्ष रूप से धमकी देते हुए कहा कि कूटनीति का दरवाजा बंद हो रहा है। वहीँ ईरान के राष्ट्रपति ने कहा कि ईरान इस मुद्दे को लेकर गंभीर है लेकिन दूसरे पक्ष को भी इस पर गंभीरता दिखानी चाहिए। अमेरिका और विश्व शक्तियों के साथ ईरान के परमाणु समझौते के बाद ईरान पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने यूरेनियम संवर्धन में कमी लानी थी।

शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए चलाए जा रहे अपने परमाणु कार्यक्रम में ईरान ने इस समझौते के बाद भारी बदलाव किया था लेकिन पश्चिमी जगत समेत अमेरिका ने अपने किसी भी वादे पर अमल नहीं किया। अमेरिका 2018 में एकतरफा रूप से समझौते से निकल गया था। अमेरिका के समझौते से निकलने के बाद भी पश्चिमी जगत ने ईरान को दिए गए अपने वादों पर अमल नहीं किया जिसके बाद ईरान ने धीरे धीरे इस समझौते की अनदेखी शुरू कर दी थी।

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