अफ़ग़ानिस्तान पाई पाई का मोहताज, औलाद बेच रहे हैं लोग अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से ही इस देश के हालात बेहद बुरे हो चुके हैं। लोग पहले से भी बदतर जिंदगी गुजारने पर विवश है।
अफ़ग़ानिस्तान की दिन प्रतिदिन बिगड़ती हालत को देखते हुए तालिबान ने संयुक्त राष्ट्र एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्स्थाओं से मदद की गुहार लगाई है।
जंग से जूझ रहे इस मुल्क में गंभीर मानवीय संकट खड़ा हो गया है। तालिबान के सत्ता में पलटते ही विदेशों से मिलने वाली मदद पर भी रोक लग गई है। तालिबान ने अफगानिस्तान की दिन प्रतिदिन बिगड़ती हालत को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ से मानवीय सहायता का की गुहार लगाई है।
हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि तालिबान अंतरराष्ट्रीय संगठनों से मदद मांग रहा है। तालिबान सरकार के उप प्रधानमंत्री अब्दुल सलाम हनफ़ी ने अफगानिस्तान की बिगड़ती हालत को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत से मुलाकात की है।
तालिबान सरकार के उपप्रधानमंत्री ने देश की स्थिति और मानवीय संकट पर संयुक्त राष्ट्र के दूत से मुलाकात करते हुए इस देश को मानवीय संकट से बचाने के लिए मानवीय सहायता और देश की बैंकिंग प्रणाली पर चर्चा की है। अब्दुल सलाम ने अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के डेबोरा लियोन से मुलाकात करते हुए बैंकिंग प्रणाली और देश की स्थिति पर चर्चा की।
तालिबान के प्रवक्ता के हवाले से खबर देते हुए अफगानिस्तान की तुलु न्यूज़ एजेंसी ने कहा कि डिप्टी पीएम ने संयुक्त राष्ट्र के दूत डेबोरा लियोन से मानवीय सहायता और देश की बैंकिंग व्यवस्था पर बातचीत की।
काबुल पर तालिबान के नियंत्रण के साथ ही अधिकांश अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान का नियंत्रण हो गया था। अफगानिस्तान में मानवीय संकट को लेकर संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय समुदाय को लगातार चेताता रहा है।
अफगानिस्तान में 2 करोड़ से अधिक लोगों को तत्काल सहायता की जरूरत है। 2 करोड़ से अधिक लोग पाई पाई को मोहताज हो गए हैं। युद्ध ग्रस्त देश में अब विस्थापन , गरीबी , अकाल और कोविड-19 का प्रकोप फैला हुआ है।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान में युद्ध की वजह से 35 लाख लोगों को विस्थापन झेलना पड़ रहा है। हालात इतने बुरे हो गए हैं लोग अपने बच्चों को बेचने के लिए विवश है।
हेरात शहर से आने वाली रिपोर्ट बेहद डरावनी है। कहा जा रहा है कि यहां कर्ज में घिरे लोगों को कर्ज माफी के लिए बच्चे बेचने के ऑफर दिए जा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार कर्जदाता लोगों से कह रहे हैं कि अगर वह अपने बच्चे उन्हें सौंप दे तो उनका कर्ज पूरी तरह से माफ कर दिया जाएगा।