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तल अवीव ने चीन पर लगाया यहूदी विरोधी होने का आरोप

चीन बार-बार फिलिस्तीन और इस्राईल के बीच जारी संघर्ष और विवाद को सुलझाने के लिए बयान जारी कर रहा है। चीनी मीडिया ग़ज़्ज़ा संघर्ष की कवरेज कर रहे हैं। इस सब के बीच इस्राईल ने चीन के सरकारी चैनल को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है।

चीन में इस्राईल के दूतावास ने चीन के सरकारी प्रसारक सीसीटीवी के विदेशी चैनल द्वारा ग़ज़्ज़ा और दूसरे स्थानों पर जारी हिंसा पर चर्चा संबंधी कार्यक्रम में ‘घोर यहूदी विरोध’ का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ अपना विरोध दर्ज किया है।

दूतावास ने एक ट्वीट में कहा, ‘हमने उम्मीद की थी कि दुनिया को यहूदियों द्वारा नियंत्रित करने जैसे षड्यंत्रकारी सिद्धांतों का दौर चला गया है, पर दुर्भाग्य से यहूदी विरोध एक बार फिर अपना घिनौना चेहरा लेकर सामने आ रहा है। ट्वीट में कहा गया, ‘चीन के एक आधिकारिक मीडिया संगठन द्वारा व्यक्त किए गए घोर यहूदी विरोध को देखकर हम स्तब्ध हैं।

दूतावास के प्रवक्ता एरेज काट्ज वोलोवेलस्की ने कहा कि दूतावास को अपने ट्वीट में कुछ और नहीं जोड़ना है और उसे अब तक सीजीटीएन से कोई जवाब नहीं मिला है।

याद रहे कि सीजीटीएन चैनल के प्रस्तुतकर्ता झेंग जूनफेंग ने सवाल उठाया था कि इस्राईल के लिए अमेरिकी सहयोग क्या सचमुच साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित है ? उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग मानते हैं कि अमेरिका की इस्राईल की पक्षधर नीति में अमेरिका पर सम्पन्न यहूदियों का प्रभाव और अमेरिकी विदेश नीति निर्माताओं पर यहूदी लॉबी का प्रभाव दिखता है।

’झेंग ने कहा, ‘यहूदियों का वित्त एवं इंटरनेट क्षेत्रों में वर्चस्व है। तो क्या उनके पास शक्तिशाली लॉबी है जैसा कुछ लोग कहते हैं? यह संभव है। झेंग ने फिर चीन के सबसे बड़े भूराजनीतिक प्रतिद्वंद्वी अमेरिका पर पश्चिम एशिया में इस्राईल को “मोर्चाबंदी के लिए एक चौकी” के तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। सीसीटीवी ने तत्काल इसपर कोई टिप्पणी नहीं की है। अब देखना ये होगा कि इस संबंध में चीन की ओर से क्या कुछ कहा जाता है या सीसीटीवी इसपर क्या सफाई देता है।

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