रूस के खिलाफ अमेरिका के एकपक्षीय प्रतिबंध स्वीकार्य नहीं : चीन
चीन ने अमेरिका को जोरदार झटका देते हुए कहा है कि वह रूस के खिलाफ एक के बाद एक लगाए जा रहे अमेरिकी प्रतिबंधों को स्वीकार्य नहीं मानता है क्योंकि अमेरिका के प्रतिबंधों का नुकसान दुनिया के अन्य देशों को उठाना पड़ेगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रूस के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों का नुकसान दुनियाभर को उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका एक बड़ी शक्ति है और वैश्विक अर्थव्यवस्था के नियमों के अनुसार उसे और अधिक जिम्मेदारी के साथ कदम उठाने चाहिए। वैश्विक अर्थव्यवस्था के प्रति उसके दायित्व और बढ़ जाते हैं। उसे ऐसी स्थिति नहीं बनानी चाहिए जिसका नुकसान अन्य देशों को उठाना पड़े।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि रूस के खिलाफ अमेरिका के एकपक्षीय प्रतिबंध दूसरे देशों के लिए हानिकारक साबित होंगे । अमेरिका को अपनी गलतियों को सुधारना होगा। उसे अतीत में लिए गए अपने गलत फैसलों को सुधारते हुए रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता में मदद करनी चाहिए। युद्ध और प्रतिबंध एकमात्र विकल्प नहीं है।
बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने डोनबास और लुहांस्क को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देते हुए 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू की थी। रूस स्पष्ट रूप से कहता रहा है कि वह यूक्रेन को अपने अधीन लेने की इच्छा नहीं रखता लेकिन वह इस देश के गैर सैन्य करण एवं इस देश को नई नाज़ी गुट से मुक्त कराना चाहता है।
अमेरिका, यूरोप और नाटो के उकसावे में आकर रूस के खिलाफ मोर्चा खोलने वाला यूक्रेन पूरी तरह से असहाय नजर आ रहा है। रूस के खिलाफ अमेरिका और यूरोप के देश सिर्फ बयानबाजी और प्रतिबंधों से आगे नहीं बढ़ रहे हैं। अमेरिका युद्ध शुरू होते ही कह चुका था कि यूक्रेन की सैन्य सहायता करने का इच्छुक नहीं है। वहीं यूरोपीय देश भी कह चुके हैं कि वह रूस के खिलाफ किसी सैन्य संघर्ष का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं।
हां, अमेरिका, यूरोप और नाटो के सदस्य देश रूसी कंपनियों, कारोबारियों एवं मास्को के खिलाफ दिन प्रतिदिन प्रतिबंध लगाते जा रहे हैं जो वैश्विक अर्थव्यस्था को प्रभावित करते हुए अन्य देशों को भी प्रभावित करेंगे।