अफगानिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र नें मांगी पांच बिलियन डॉलर की मदद अफगानिस्तान में मानवीय संकट दिन प्रतिदिन गहराता जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र ने युद्धग्रस्त इस देश में बढ़ते मानवीय संकट और ढहती बुनियादी सुविधाओं को बहाल करने के लिए वित्तीय सहायता की अपील की है।
यूएन न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र और उसके सहयोगियों ने दुनिया भर से वित्तीय मदद की अपील की है। किसी एक देश के लिए संयुक्त राष्ट्र और उसके सहयोगियों द्वारा की गई सबसे बड़ी वित्तीय मदद की अपील है। मानवीय मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र के अंडर-सेक्रेटरी जनरल मार्टिन ग्रिफिथ्स ने दावा किया कि ‘अफगानिस्तान ह्यूमैनिटेरियन रिस्पांस प्लान’ के लिए ही अकेले 4.4 बिलियन की जरूरत है।
अफगानिस्तान के पांच पड़ोसी देशो में शरणार्थी अफ़ग़ान लोगों के लिए भी जरुरी साधन जुटाने और मूल ज़रूरतों को पूरा करने के लिए भी भारी वित्तीय सहायता की जरूरत है। शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी ने अफगानिस्तान सिचुएशन रिजनल रेफ्यूजी रिस्पांस प्लान’ के लिए 623 मिलियन डॉलर की मांग की है।
यमन मामले में प्रभावी भूमिका में रहे ग्रिफिथ ने कहा, हम 2022 में अफगानिस्तान की सहायता के लिए यह अपील शुरू कर रहे हैं। यह किसी एक देश के लिए अब तक का सबसे बड़ा मानवीय सहायता अनुरोध है। देश के लिए जरूरी पैसे की राशि से ये तीन गुना है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान को अधिक जरूरत है। अभी जरूरी कदम उठाने की आवश्यकता है।
अफ़ग़ानिस्तान के हालत बेहद खराब है। अफगानिस्तान की इतनी खराब दुर्दशा हो चुकी है कि यह देश दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती मानवीय आपदाओं में से एक का सामना कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (OCHA) ने दावा किया कि आधी आबादी अब तीव्र अकाल से पीड़ित है। 90 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं और लाखों बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है। यह पैसा तालिबान सरकार को दिया जाएगा या नहीं इस सवाल के जवाब में ग्रिफिथ ने कहा कि यहपैसा सीधा नर्सों और हेल्थ केयर वर्कर्स की जेब में जाएगा।