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ईरान से वार्ता के बाद भी तालिबान निराश, अभी मान्यता नहीं देगा तेहरान

ईरान से वार्ता के बाद भी तालिबान निराश, अभी मान्यता नहीं देगा तेहरान अफ़ग़ानिस्तान में जब से तालिबान ने सत्ता पर क़ब्ज़ा किया है तब से तालिबान एक के बाद एक समस्या में उलझा हुआ है।

ईरान से वार्ता करने के बाद भी तालिबान की समस्या का समाधान नहीं हुआ है, क्योंकि ईरान ने कहा है कि वह पड़ोसी देश अफ़ग़ानिस्तान में सत्ता पर क़ब्ज़ा करने वाली तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देगा। ईरानी विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार राजधानी तेहरान में ईरान और तालिबान की बातचीत हुई।

ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद ख़तीबज़ादेह ने बताया कि तालिबान सरकार के नुमाइंदों से रविवार को हुई उच्च स्तर की बैठक बेहद सकारात्मक थी, लेकिन ईरान अभी भी तालिबान को मान्यता देने के पक्ष में नहीं है।

ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी बताया कि अफ़ग़ानिस्तान की हालिया स्तिथि ईरान के इस्लामी गणराज्य के लिए चिंता का विषय है।
तालिबान सरकार ने अपने विदेश मंत्री अमीर ख़ान मुत्तक़ी के नेतृत्व में अपनी पूरी टीम के साथ ईरानी मंत्रियों और अधिकारियों से मुलाक़ात की। ईरान की ओर से विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने अपनी टीम का नेतृत्व किया। आपको बता दें अफ़ग़ानिस्तान सरकार गिरने और तालिबान के सत्ता में आने के बाद यह उसके प्रतिनिधिमंडल द्वारा पहली मुलाक़ात है।

ईरान ने इस वार्ता के बाद अपना स्टैंड बताते हुए कहा कि वह तालिबान सरकार को तभी मान्यता देगा जब वह समावेशी सरकार बनाएंगे। ईरान और तालिबान सरकार के बीच बातचीत का सिलसिला उस समय से है जब से ईरानी दूत हसन काजमी ने हाल ही में कुछ महीने पहले अफ़ग़ानिस्तान की यात्रा की थी। वार्ता से पहले दोनों पक्षों ने राजनीतिक, आर्थिक और शरणार्थी जैसे मुद्दों पर बातचीत की मंशा ज़ाहिर की थी।

ईरानी विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार अमीर अबदुल्लाहियान ने बैठक के दौरान अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा गलत नीतियों की भी आलोचना की। ईरानी विदेश मंत्री ने कहा अमेरिका को मानवीय मूल्यों को ध्यान में रखते हुए अपने प्रतिबंध हटाने और इस युद्धग्रस्त देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने में मदद करनी चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ईरान अपने पड़ोसी देश को मानवीय सहायता भेजना जारी रखेगा।

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