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श्रीलंका को अराजकता और रोष के बाद नई सरकार स्थापित करने की उम्मीद

कोलंबो में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के भाग जाने के बाद प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन में जश्न मनाते हुए

श्रीलंका को अराजकता और रोष के बाद नई सरकार स्थापित करने की उम्मीद

श्रीलंका की सड़कों पर शांति है। बता दें कि कल प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के आवास पर धावा बोल दिया था और प्रधान मंत्री के घर में आग लगा दी थी जिससे दोनों नेताओं को देश में बिगड़ते आर्थिक संकट पर अपने इस्तीफे की घोषणा करने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के बुधवार को पद छोड़ने की उम्मीद है जो दो दशकों से अधिक समय से श्रीलंका की राजनीति पर शक्तिशाली कबीले की पकड़ का नाटकीय अंत होगा। हालातों से त्रस्त प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास को घेर लिया था। थोड़ी देर बाद प्रदर्शकारी राष्ट्रपति आवास के अंदर गए और भवन पर कब्जा कर लिया था। राष्ट्रपति राजपक्षे अपने आवास को छोड़कर भाग गए हैं। सेंटर फॉर पॉलिसी अल्टरनेटिव्स की भवानी फोन्सेका ने कहा कि प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास को जला रहे हैं जो चिंताजनक है।

राष्ट्रपति भवन पर जनता के कब्जे के बाद दबाव बढ़ा तो प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने पद से इस्तीफा दे दिया। प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। इस्तीफे से पहले प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई थी जिसमें असेंबली स्पीकर महिंदा यप्पा अभयवर्धने को अंतरिम राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव रखा।

श्रीलंकाई संविधान के अनुसार राष्ट्रपति इस्तीफा दे तो स्पीकर एक महीने के लिए अंतरिम राष्ट्रपति बन सकते हैं। 73 वर्षीय राजपक्षे ने लोगों से सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण की अनुमति देने का आग्रह किया है जिसकी निगरानी वह पद छोड़ने से पहले करने की योजना बना रहे हैं।

श्रीलंकाई राजनीतिक दलों के नेताओं की रविवार को एक बैठक होनी है जिसमें विपक्षी नेताओं का दावा है कि अंतरिम सरकार बनाने के लिए उनके पास संसदीय बहुमत है।

श्रीलंका के राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री के इस्तीफे के बाद संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने के श्रीलंका के संविधान के अनुसार कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने की उम्मीद है।

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