कोरोना काल में आवाजाही को आसान बनाने के लिए भारत ने श्रीलंका के साथ एयर बबल समझौता किया है। नागर विमानन मंत्रालय ने शनिवार को इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि भारत ने स्पेशल इंटरनेशनल फ्लाइट्स के लिए श्रीलंका के साथ द्विपक्षीय एयर बबल समझौता किया है।
श्रीलंका के साथ यह समझौता करने से पहले भारत अफगानिस्तान, बहरैन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इराक, जापान, मालदीव, नाइजीरिया, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन और अमेरिका सहित 28 देशों के साथ एयर बबल समझौता कर चुका है।
नागर विमानन मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा, “भारत ने श्रीलंका के साथ एयर बबल समझौता कर लिया है। सार्क देशों के साथ यह छठवां और कुल 28वां समझौता है। मंत्रालय ने कहा कि आने वाले दिनों में दूसरे देशों में फंसे यात्री या ऐसे यात्री, जिनका यात्रा करना बहुत जरूरी है, दोनों देशों के बीच यात्रा कर सकेंगे।
याद रहे कि कोरोनावायरस संक्रमण के चलते भारत में 23 मार्च, 2020 से ही सामान्य उड़ानों पर रोक लगाई गई है।
एयर बबल समझौता क्या होता है ?
यह एक द्विपक्षीय समझौता होता है जो रेगुलर इंटरनेशनल फ्लाइट सेवा बंद होने पर कमर्शियल पैसेंजर सर्विस को दोबारा शुरू करने के लिए दो देशों के बीच किया जाता है। इस समझौते के तहत दोनों देश एक-दूसरे की सीमा में कुछ पाबंदियों या शर्तों के साथ विशेष अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों का संचालन कर सकते हैं।
एयर बबल समझौते का उद्देश्य कोरोना के चलते दूसरे देशों में फंसे नागरिकों की सुरक्षित वतन वापसी करवाना है। जैसे ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत वीजा और पढ़ाई के कारण विदेशों में फंसे नागरिकों को स्पेशल उड़ानों से भारत लाया गया था। इस समझौते के तहत दोनों देशों के फंसे हुए नागरिकों और कुछ जरूरी कैटेगरी के यात्रियों को यात्रा करने की अनुमति होती है।