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पाकिस्तान में फिर गहराएगा संकट, राष्ट्रपति के क़दम से सरकार मुश्किल में

पाकिस्तान में फिर गहराएगा संकट, राष्ट्रपति के क़दम से सरकार मुश्किल में

पाकिस्तान में लंबे समय तक चले सियासी घमासान के बाद इमरान खान की रुखसती के साथ शाहबाज़ शरीफ के नेतृत्व में संयुक्त विपक्ष की सरकार बनी थी.

अब शहबाज़ शरीफ सरकार के सामंने राष्ट्रपति के एक क़दम ने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं जिसके बाद कयास लगाए जाने लगे हैं कि देश में सांवेदनिक संकट गहरा सकता है .

दर असल राष्ट्रपति ने नेशनल एकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) अध्यादेश में संशोधन के लिए पारित बिल को अस्वीकार कर दिया है. पीडीएम का दावा है कि पूर्व इमरान खान सरकार ने एनएबी को गलत ढंग से लागू किया. पीटीआई ने ये अध्यादेश उच्च पदों पर बैठे लोगों के कथित भ्रष्टाचार की सजा तय करने के लिए लागू किया था.

राष्ट्रपति के इस क़दम से राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे पाकिस्तान में गहरा संवैधानिक संकट खड़ा होता दिख रहा है. संसद से पारित दो विधेयकों पर दस्तखत करने से राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के इनकार ने से शहबाज शरीफ सरकार के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है.

बता दें कि शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट सरकार ने पीटीआई सरकार के समय बनाए गए दो कानूनों में संशोधन के लिए बिल पारित कराए थे लेकिन अब आरिफ अलवी ने उन पर दस्तखत करने से मना कर दिया है. आरिफ अल्वी पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी से संबंधित है.

अल्वी ने इन संशोधन बिल पर हस्ताक्षर करने से मना करते हुए कहा कि यह विधेयक संबंधित अध्यादेश को कमजोर करेगा. उन्होंने कहा- यह सही है कि एनएबी के अमल में खामियां रहीं हैं, राजनीतिक मकसदों से सत्ता में बैठे लोगों ने उसका दुरुपयोग किया है, लेकिन मौजूदा बिल उन खामियों को दूर कर एनएबी को मजबूत करने के बजाय उसे बेहद कमजोर कर देगा.

 

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