एशिया कप फ़ाइनल में भारत की शानदार जीत, पाकिस्तान को लगातार तीसरी बार हराया
एशिया कप 2025 के फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को हराकर एक बार फिर इतिहास रच दिया। यह लगातार तीसरी बार है जब भारत ने पाकिस्तान को बड़े टूर्नामेंट के निर्णायक मुकाबले में मात दी है। पूरे मैच के दौरान भारतीय टीम का प्रदर्शन शानदार और आत्मविश्वासी रहा। भारतीय खिलाड़ियों ने न सिर्फ खेल पर पकड़ बनाए रखी, बल्कि मैदान पर अपनी रणनीति और संतुलन से यह दिखा दिया कि वे एशियाई क्रिकेट पर अपनी बादशाहत कायम रखने में पूरी तरह सक्षम हैं।
फाइनल का दबाव हमेशा अलग होता है, लेकिन भारतीय टीम ने इसे मौके में बदल दिया। बल्लेबाज़ों ने संयम और लय का बेहतरीन संतुलन पेश किया, जबकि गेंदबाज़ों ने अहम मौकों पर बाज़ी पलट कर रख दी। फील्डिंग में भी भारत ने ऐसा प्रदर्शन किया, जिससे टीम का आत्मविश्वास और भी बढ़ा।
इस जीत ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊँचाई दी है और दर्शकों में जबरदस्त उत्साह भर दिया है। क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह जीत सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि गर्व और आत्मसम्मान का पल है। पाकिस्तान के खिलाफ लगातार तीसरी फाइनल जीत भारत के दबदबे और निरंतरता का प्रमाण है। यह विजय आने वाले टूर्नामेंट्स के लिए भी टीम इंडिया की ताक़त और तैयारी का ऐलान है।
इस टूर्नामेंट में भारत ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर 9वीं बार एशिया कप का 2025 का खिताब जीता है। टीम इंडिया 9वीं बार एशियाई चैंपियन बनी है। फाइनल मैच में पाकिस्तान ने पहले खेलते हुए 146 रन बनाए थे। जवाब में भारतीय टीम ने आखिरी ओवर में मैच जीत लिया है। तिलक वर्मा भारत की जीत के असली हीरो रहे, जिन्होंने 69 रनों की अर्धशतकीय पारी खेली। वहीं गेंदबाजी में कुलदीप यादव ने 4 विकेट झटके थे।
पाकिस्तान टीम पहले बैटिंग करने आई, तो साहिबजादा फरहान और फखर जमान ने 84 रनों की सलामी साझेदारी कर टीम को शानदार शुरुआत दिलाई थी। फरहान ने 57 रनों की अर्धशतकीय पारी खेली। जैसे ही फरहान आउट हुए, वैसे ही अन्य पाक बल्लेबाज अपना विकेट गंवाते चले गए। आखिरी 62 रनों के भीतर पाकिस्तान ने अपने सारे 10 विकेट गंवाए।
अभी तक पूरे टूर्नामेंट में तबाही मचाते आए अभिषेक शर्मा और शुभमन गिल क्रमशः 5 रन और 12 रन बनाकर आउट हो गए। कप्तान सूर्यकुमार यादव भी अपनी खराब फॉर्म में कोई सुधार नहीं ला सके, जो सिर्फ 1 रन बनाकर आउट हो गए। कप्तान सूर्या ने इस पूरे टूर्नामेंट में केवल 72 रन बनाए हैं।
यहां तिलक वर्मा तारणहार बनकर उभरे, जिन्होंने नाबाद 65 रनों की पारी खेली। भारत की जीत की उम्मीदों को जिंदा उस 57 रन की पार्टनरशिप ने किया, जो तिलक वर्मा और संजू सैमसन के बीच हुई। ये साझेदारी ऐसे समय में आई, जब भारत ने 20 के स्कोर पर 3 विकेट गंवा दिए थे। सैमसन ने महत्वपूर्ण मौके पर 21 गेंद में 24 रन बनाए।

