पाकिस्तान में बम विस्फोट, 20 लोगों की मौत और 50 से अधिक लोग घायल
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में आज एक भीषण बम विस्फोट हुआ, जिसमें कम से कम 20 लोगों की जान चली गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए। यह cक्वेटा के एक व्यस्त रेलवे स्टेशन पर उस समय हुआ जब स्टेशन पर भारी भीड़ थी और पेशावर जाने वाली ट्रेन के निकलने की तैयारी की जा रही थी।
स्थानीय पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, बम पहले से ही स्टेशन के भीतर रखा गया था और जैसे ही लोग ट्रेन में सवार होने लगे, तब यह विस्फोट हुआ। धमाका इतना शक्तिशाली था कि आसपास की इमारतों और दुकानों को भी नुकसान पहुंचा, और स्टेशन पर भगदड़ मच गई।
इस धमाके की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) नामक एक आतंकवादी संगठन ने ली है। यह संगठन बलूचिस्तान के लिए स्वतंत्रता की मांग करता रहा है और इसके सदस्य अक्सर पाकिस्तान सरकार और वहां के सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हैं। बलूचिस्तान में काफी समय से अलगाववादी आंदोलन चल रहा है, और इस क्षेत्र में संसाधनों की कमी और सरकार के प्रति असंतोष के चलते हिंसक गतिविधियों में तेजी आई है।
पाकिस्तानी अधिकारियों और बचाव दलों ने तेजी से घटनास्थल पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया। घायल यात्रियों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। अस्पतालों में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है और अधिक मेडिकल स्टाफ को तैनात किया गया है ताकि घायलों का तुरंत इलाज किया जा सके। डॉक्टर्स का कहना है कि कई घायलों की हालत गंभीर होने के कारण मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
पाकिस्तान सरकार ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे आतंकवाद के खिलाफ जारी संघर्ष का हिस्सा बताया है। प्रधानमंत्री ने एक बयान जारी कर कहा कि पाकिस्तान इस तरह की हिंसा के आगे झुकने वाला नहीं है और सरकार आतंकवादियों और अलगाववादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। सरकार ने मृतकों के परिवारों और घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा भी की है।
बलूचिस्तान में इस तरह के हमले सुरक्षा की स्थिति को लेकर गहरे सवाल खड़े कर रहे हैं। पाकिस्तान के लिए यह चुनौती इसीलिए भी बड़ी है क्योंकि बलूचिस्तान का क्षेत्र अफगानिस्तान और ईरान की सीमाओं से सटा हुआ है, जहां से बाहरी ताकतों का हस्तक्षेप होने का भी खतरा बना रहता है। पाकिस्तानी सेना और अन्य सुरक्षा बलों ने इस क्षेत्र में कई बड़े सैन्य ऑपरेशन चलाए हैं, लेकिन इसके बावजूद भी बलूचिस्तान में हिंसा पर पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सका है।