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अफ़ग़ानिस्तान मुद्दे पर बैठक में भारत को रखा गया बाहर

अफ़ग़ानिस्तान मुद्दे पर बैठक में भारत को रखा गया बाहर

ईरान द्वारा अफगानिस्तान पर बुधवार को पड़ोसी देशों के साथ हुई बैठक में भारत को दूर रखा गया है क्योंकि तेहरान ने रूस के अलावा केवल उन लोगों को आमंत्रित करने का फैसला किया है जो युद्धग्रस्त देश के साथ भूमि सीमा साझा करते हैं।

18 अक्टूबर को ईरान द्वारा अफ़ग़ानिस्तान के मुद्दे पर बैठक की घोषणा की गई थी, जिस दिन भारत इस्राईल, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका के साथ क्वाड में शामिल हो गया था ।

बैठक की घोषणा करते हुए, ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खतीबजादेह ने कहा कि इस बैठक में चीन, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान शामिल होंगे, जो अफगानिस्तान के साथ भूमि सीमा साझा करते हैं।

रूस इस बैठक में एकमात्र वो देश है जिसकी अफगानिस्तान के साथ भूमि सीमा साझा नहीं है। भारत को छोड़कर, ईरान ने नई दिल्ली के इस तर्क की अवहेलना की है कि वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में अफगानिस्तान के साथ 106 किमी लंबी भूमि सीमा साझा करता है।

अफगानिस्तान में राजनीतिक संकट को दूर करने के लिए एक और पहल के रूप में बैठक में नई दिल्ली में ईरानी दूतावास ने एक बयान में कहा कि सात देशों के विदेश मंत्री तेहरान में मिलेंगे सभी की ये कोशिश रहेगी कि अफ़ग़ानिस्तान में सभी जातीय समूहों की सक्रिय भागीदारी के साथ एक समावेशी सरकार के निर्माण में योगदान दें।

ग़ौर तलब है कि भारत में अफगानिस्तान में अरबों डालरों को निवेश किया है इसलिए भारत को भी अफ़ग़ानिस्तान मुद्दे पर पडोसी देशों के साथ आना चाहिए लेकिन वर्तमान समय में भारत की निति ये रही है कि वो पडोसी देशों से ज़्यादा इस्राईल और दूर के देशों से नज़दीकी बना रहा है

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