अफ़ग़ानिस्तान पर ध्यान दें, विश्व समुदाय के लिए बेहद अहम
अफ़ग़ानिस्तान विश्व समुदाय के लिए बेहद अहम है अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अफ़ग़ानिस्तान को लेकर सचेत रहने की ज़रूरत है.
अफ़ग़ानिस्तान मामलों में संयुक्त राष्ट्र संघ की दूत ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान समस्या का एकमात्र राजनैतिक सहयोग है. उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए बेहद अहम है. विश्व समुदाय को चाहिए कि वह अफ़ग़ानिस्तान को न भूले.
अफ़ग़ानिस्तान मामलों में संयुक्त राष्ट्र संघ की दूत डेबोरह लायंस का अफ़ग़ानिस्तान में कार्यकाल ख़त्म हो गया है. उन्होएँ अफ़ग़ान में संयुक्त राष्ट्र के दूत की हैसियत से अपने अंतिम बयान में कहा कि मेरे लिए फख्र की बात है कि एक महिला होते हुए मुझे मार्च 2020 में अफ़ग़ानिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र का विशेष प्रतिनिधि चुना गया. मेरे लिए बहुत कठिन है कि मैं अपनी अफ़ग़ान बहनों को इस हाल में छोड़ कर जा रही हूँ मैं महिला हूँ और उनका दर्द समझती हूँ.
मेरा दिल उन महिलाओं के लिए धड़क रहा हैं जिन्हें उनके घरों में क़ैद कर दिया गया है साथ ही मैं अफ़ग़ानिस्तान कि उन लाखों बच्चियों के लिए भी दर्द महसूस कर रही हूँ जिन्हे शिक्षा के अधिकार से वंचित कर दिया है.
उन्होंने कहा कि यह बहुत अजीब बात है कि अफ़ग़ानिस्तान की मदद करने का मौक़ा है लेकिन आधी से अधिक जनता को उनके घरों में क़ैद कर दिया गया है. देश के पुनर्निर्माण में उन्हें हिस्सा लेने से रोक दिया गया है.
लायंस ने कहा कि अफगानिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और इसे नहीं भूलना चाहिए.
लायंस ने अपने बयान के एक हिस्से में तालिबान और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच दोहा समझौते का उल्लेख करते हुए कहा कि समझौते पर दस्तखत के समय, संयुक्त राष्ट्र की रणनीति यह थी कि जैसे भी संभव हो इस वार्ता को को सफल बनाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करना है.