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कोरोना इंसानों की करतूत या जानवरों से फैला, खुफिया रिपोर्ट जारी

कोरोना इंसानों की करतूत या जानवरों से फैला, खुफिया रिपोर्ट जारी लगभग 2 साल का समय हो चुका है पूरी दुनिया कोरोनावायरस के आगे नतमस्तक नजर आ रही है।

कोरोना वायरस का ऑरिजन क्या है ? यह इंसानों की करतूत है, किसी लैब से लीक हुआ या जानवरों से इंसानों में पहुंचा है इसे लेकर अभी तक कोई बात स्पष्ट रूप से नहीं कही गई है।

कोरोना कोई जैविक हथियार है जो किसी लैब से लीक हुआ या फिर जैसे कहा जा रहा है कि जानवरों से इंसानों में फैला है इस सवाल ने अभी तक दुनिया भर को उलझा कर रखा है लेकिन इसी बीच अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि शायद कभी भी कोविड-19 के ऑरिजन का पता नहीं लग पाएगा।

कोरोनावायरस को लेकर जांच कर रही है अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने विस्तार से एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें इस बात की समीक्षा की गई है कि कोरोना वायरस किसी लैब से लीक हुआ था या जानवरों के माध्यम से इंसानों के शरीर तक पहुंचा है।

ऑफिस ऑफ द डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस { ODNI } ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना वायरस में इंसानों को किस प्रकार संक्रमित किया। यह कोई नेचुरल ऑरिजन था या लैब से लीक हुआ इसको लेकर दोनों ही तरह की धारणाएं हैं। विश्लेषक इस बात को लेकर भी एकमत नहीं है कि इन दोनों में से सबसे अधिक संभावना किस परिकल्पना की है।

अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट उन बातों को भी खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि कोरोना वायरस को एक जैविक हथियार के रूप में तैयार किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा कहने वाले लोग वुहान इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी नहीं गए। यह लोग दुष्प्रचार कर रहे हैं।

अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने 90 दिनों की समीक्षा के बाद रिपोर्ट जारी की है। अगस्त में इस रिपोर्ट को आंशिक रूप से जारी किया था जब चीन पर आरोप लग रहे थे कि कोरोना वायरस उसकी करतूत है और उसे दोषी ठहराया जाना चाहिए।

चीन ने अमेरिकी खुफिया एजेंसियों द्वारा जारी की गई रिपोर्ट की आलोचना करते हुए कहा है कि कोविड-19 ऑरिजन का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों पर भरोसा करने के बजाय खुफिया तंत्र की सेवा लेने का अमेरिकी फैसला पूरी तरह से एक राजनीतिक ड्रामा है जिससे विज्ञान आधारित मूल अध्ययन कमजोर होगा और कोरोना के ऑरिजन को खोजने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में बाधा उत्पन्न होगी।

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